आगरा: हाल ही में एक दिल को छूने वाली घटना ने मानवता की एक मिसाल पेश की। महाराष्ट्र से आगरा घूमने आई एक युवती के लिए शहर के समाजसेवी अर्जित मोहन शुक्ला एक देवदूत बनकर सामने आए। दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल युवती को समय पर इलाज दिलवाने में अर्जित ने अहम भूमिका निभाई।
दरअसल, अर्जित शुक्ला, जो एन.आई. आई. टी. फाउंडेशन में वित्तीय साक्षरता के प्रशिक्षक हैं, फतेहपुर सीकरी से आगरा लौटते समय एक हादसे के गवाह बने। उनकी नज़र एक टेम्पो और ट्रैक्टर ट्रॉली की भिड़ंत पर पड़ी, जिसमें एक युवती गंभीर रूप से घायल हो गई थी। अर्जित ने बिना वक्त गवाए अपनी बाइक रोकी और राहत-बचाव कार्य में जुट गए।
घायलों की स्थिति का आकलन करते हुए, अर्जित ने युवती के बैग में मौजूद दस्तावेजों से यह जानकारी प्राप्त की कि वह महाराष्ट्र से आगरा घूमने आई थी और हादसे के समय फतेहपुर सीकरी से आगरा लौट रही थी। अर्जित ने तत्काल इमरजेंसी सेवाओं पर कॉल किया, लेकिन एम्बुलेंस की देरी को देखते हुए, उन्होंने अपने बड़े भाई की मदद से पर्यटन अधिकारियों से संपर्क किया। एक घंटे की देरी के बाद, एम्बुलेंस मौके पर पहुंची और घायल युवती को इलाज मिल सका।
युवती ने इलाज के बाद अर्जित शुक्ला का तहेदिल से धन्यवाद किया और उन्हें अपनी जान बचाने के लिए ‘देवदूत’ जैसा बताया। युवती का कहना था कि यदि समाज में सभी लोग इस तरह की मानवता को जीवित रखें, तो इलाज के अभाव में कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं।
समाजिक कार्यों के लिए अर्जित शुक्ला को मिल चुके हैं सम्मान
अर्जित शुक्ला का सामाजिक कार्यों के प्रति गहरा लगाव रहा है। उन्होंने कई डिग्रियां और बड़ी कंपनियों के जॉब ऑफर को ठुकरा कर समाज सेवा में अपना करियर चुना। समाज में उनके योगदान को कई मंचों पर सम्मानित किया गया है। अर्जित द्वारा लिखी और निर्मित शॉर्ट फिल्म जल को राष्ट्रीय पुरस्कार सहित कई प्रतिष्ठित अवॉर्ड भी मिल चुके हैं।