आगरा: उत्तर प्रदेश में विद्युत विभाग के निजीकरण की योजना, विशेष रूप से दक्षिणांचल और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को PPP (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल में धकेलने के विरोध में आज आगरा जनपद में जोरदार प्रदर्शन किया गया। राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन और विद्युत तकनीकी कर्मचारी एकता संघ की शाखा आगरा ने मिलकर इस मुद्दे के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया।
विरोध प्रदर्शन का आयोजन
आज शाम 5 बजे से 6 बजे तक आयोजित इस विरोध प्रदर्शन में दोनों संगठनों के सदस्य शामिल हुए, जिन्होंने निजीकरण और PPP मॉडल को लेकर कड़े विरोध प्रदर्शन किए। विरोध प्रदर्शन के दौरान, राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष श्री अजय कुमार, जोन सचिव श्री स्वप्नेंद्र कुशवाहा, जनपद अध्यक्ष श्री नीतीश कुमार, जनपद सचिव श्री विनय वर्मा, प्रोन्नत अभियंता श्री शीलवंत सिंह, और कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।
मुख्य नेताओं का संबोधन
विरोध प्रदर्शन के दौरान, मुख्य रूप से श्री अजय कुमार और श्री स्वप्नेंद्र कुशवाहा ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि निजीकरण से न केवल कर्मचारियों के अधिकारों का उल्लंघन होगा, बल्कि यह आम जनता के लिए भी भारी समस्या उत्पन्न करेगा। उन्होंने प्रदेश सरकार से तत्काल इस निर्णय को वापस लेने की मांग की।
साथ ही, उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ से अपील की कि इस कुचक्र को बंद किया जाए, जो कर्मचारियों और आम जनता के लिए हानिकारक है। श्री अजय कुमार ने कहा, “PPP मॉडल के तहत कार्य करने से विभाग की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता की कमी हो सकती है और कर्मचारियों की स्थिरता भी खतरे में पड़ सकती है।”
प्रदर्शन के कारण और उद्देश्य
विद्युत विभाग के निजीकरण के विरोध में आयोजित यह प्रदर्शन राज्य सरकार की योजना को लेकर बढ़ते असंतोष का परिणाम है। कर्मचारियों का मानना है कि सरकारी कंपनियों का निजीकरण होने से उनके भविष्य पर संकट मंडराएगा और साथ ही यह कदम विद्युत सेवाओं की गुणवत्ता पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।
समर्थकों का कहना है कि पब्लिक सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों को सरकारी रोजगार के तौर पर एक स्थिर और सुरक्षित भविष्य मिलता है, जबकि निजीकरण से उन्हें काम की असुरक्षा का सामना करना पड़ेगा।
प्रदर्शन में शामिल नेताओं और कर्मचारियों की मांगें
विरोध प्रदर्शन में शामिल नेताओं और कर्मचारियों ने राज्य सरकार से निम्नलिखित मांगें की हैं:
- निजीकरण की प्रक्रिया को तत्काल रोका जाए और PPP मॉडल को लागू करने के फैसले को वापस लिया जाए।
- संगठनों और कर्मचारियों के अधिकारों का सम्मान किया जाए, ताकि कर्मचारियों को स्थिरता और सुरक्षा मिल सके।
- सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों को समुचित कार्य परिस्थितियाँ और लाभ प्रदान किए जाएं, ताकि वे अपने कार्यों में पूरी तरह से समर्पित रह सकें।
- सरकार से सीधे संवाद और चर्चा का आयोजन किया जाए, ताकि कर्मचारियों की चिंताओं को सही तरीके से सुना जा सके और उन पर विचार किया जा सके।
संघों का समर्थन
इस विरोध प्रदर्शन में विभिन्न संगठनों के सदस्य भी शामिल हुए। विद्युत तकनीकी कर्मचारी एकता संघ के जिला अध्यक्ष श्री ललित कुमार चकरवाल और जिला सचिव श्री चंद्रपाल सिंह ने भी अपने संगठन के साथ इस विरोध में भाग लिया। उन्होंने कहा, “यह मुद्दा केवल कर्मचारियों का नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश की जनता से जुड़ा हुआ है। हम इसे लेकर अपनी आवाज उठाएंगे और सरकार से न्याय की मांग करेंगे।”