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अदाणी को बड़ी राहत, अमेरिकी आरोप के मामले में अब US कांग्रेस का मिला साथ

Dharmender Singh Malik
6 Min Read
अदाणी को बड़ी राहत, अमेरिकी आरोप के मामले में अब US कांग्रेस का मिला साथ

नई दिल्ली: भारतीय अरबपति गौतम अदाणी के लिए एक नई राहत की खबर सामने आई है। अमेरिकी कांग्रेस में रिपब्लिकन सांसद लैंस गुडेन ने बाइडेन प्रशासन के तहत गौतम अदाणी के खिलाफ चल रही जांच को चुनौती दी है, जिससे अदाणी को अमेरिकी आरोपों के मामले में महत्वपूर्ण समर्थन मिला है। इस प्रकार के समर्थन से अदाणी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ी राहत मिलती है। आइए जानते हैं कि यह पूरा मामला क्या है और अमेरिकी सांसद ने क्या कहा।

अमेरिका में जांच का मामला

गौतम अदाणी के खिलाफ अमेरिका में एक जांच शुरू की गई थी, जो कि बाइडेन प्रशासन के तहत शुरू की गई थी। यह जांच अदाणी की व्यावसायिक गतिविधियों पर आधारित थी, जिसमें कुछ आरोप उठाए गए थे। लेकिन अब अमेरिकी कांग्रेस के सांसद लैंस गुडेन ने इस जांच को लेकर बाइडेन प्रशासन को कड़ा जवाब दिया है। उन्होंने अमेरिकी अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड को एक पत्र भेजा, जिसमें इस जांच को चयनात्मक और अप्रत्याशित बताया।

गुडेन ने अपने पत्र में कहा कि अमेरिकी न्याय विभाग का यह कदम भारतीय अरबपति गौतम अदाणी को निशाना बनाने के लिए लिया गया है, और इसका भारत और अमेरिका के बीच संबंधों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या ऐसी कार्रवाई अमेरिकी विदेश नीति और वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण के लिए सही है, खासतौर पर जब यह कार्रवाई भारत जैसे महत्वपूर्ण सहयोगी देश के खिलाफ की जा रही है।

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सांसद गुडेन का कड़ा बयान

सांसद लैंस गुडेन ने अपने पत्र में लिखा, “इस प्रकार की चयनात्मक कार्रवाइयां अमेरिका के सबसे मजबूत साझेदारों में से एक भारत के साथ हमारे संबंधों को कमजोर कर सकती हैं। अमेरिका और भारत के बीच मजबूत और स्थिर साझेदारी के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि हम ऐसे मामलों में सावधानी बरतें।”

गुडेन ने यह भी पूछा कि यदि भारत इस मामले में प्रत्यर्पण अनुरोध का पालन करने से इनकार कर देता है, तो अमेरिका क्या करेगा? उन्होंने अपने पत्र में इस मुद्दे पर भी चर्चा की कि न्याय विभाग द्वारा की जा रही चयनात्मक कार्रवाइयों से अमेरिकी वैश्विक गठबंधनों और आर्थिक विकास को नुकसान हो सकता है।

अमेरिकी निवेशकों पर असर

गुडेन ने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि अमेरिकी न्याय विभाग की इस तरह की कार्रवाइयां उन कंपनियों और निवेशकों को निशाना बनाती हैं, जो भारत जैसे देशों में अरबों डॉलर का निवेश करते हैं और हजारों नौकरियां उत्पन्न करते हैं। उनका कहना था कि इस तरह के कदम निवेशकों को अमेरिका में निवेश करने से हतोत्साहित कर सकते हैं, जो अमेरिका के आर्थिक विकास के लिए हानिकारक हो सकता है।

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सांसद गुडेन ने यह भी कहा कि जब अमेरिका अन्य देशों से आंतरिक और बाहरी खतरों से निपटने में नाकामयाब होता है, तब उसकी नजरें उन मामलों पर होती हैं जो अमेरिकी हितों से संबंधित नहीं हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि अमेरिकी न्याय विभाग को घरेलू अपराधों और गंभीर खतरों पर अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहिए, बजाय इसके कि वह विदेशों में अफवाहों का पीछा करें।

जॉर्ज सोरोस का संदर्भ

सांसद गुडेन ने अपने पत्र में एक और सवाल उठाया, जिसमें उन्होंने पूछा कि क्या इस कार्रवाई का जॉर्ज सोरोस से कोई संबंध है। सोरोस, जो एक प्रमुख अमेरिकी निवेशक हैं, अक्सर वैश्विक राजनीति और व्यापारिक मामलों में अपनी उपस्थिति के लिए जाने जाते हैं। गुडेन ने यह सवाल उठाया कि क्या इस जांच का संबंध सोरोस के निवेश या विचारधाराओं से है, और क्या इसका प्रभाव भारतीय व्यापारिक माहौल पर पड़ेगा।

अदाणी की राहत

गौतम अदाणी के लिए यह समर्थन एक बड़ी राहत लेकर आया है, क्योंकि इससे उनकी प्रतिष्ठा पर उठे सवालों और आरोपों का असर कम हो सकता है। साथ ही, यह अमेरिकी न्याय विभाग के ऊपर भी दबाव बनाएगा, ताकि वह इस मामले में एक निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से कार्यवाही करे।

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भारत-अमेरिका संबंधों पर असर

अमेरिका और भारत के बीच एक मजबूत और रणनीतिक साझेदारी है, और इस तरह की कार्रवाइयां दोनों देशों के रिश्तों को प्रभावित कर सकती हैं। सांसद लैंस गुडेन के इस कदम से यह साफ हो गया है कि अमेरिका में कुछ शक्तिशाली राजनेता भारत के साथ अपने रिश्तों को प्राथमिकता देते हैं, और वे यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि दोनों देशों के बीच अच्छे संबंधों में कोई रुकावट न आए।

अदाणी के खिलाफ जांच और अमेरिकी न्याय विभाग की कार्रवाइयों पर यह नया विकास महत्वपूर्ण है। गौतम अदाणी को अमेरिकी कांग्रेस के इस समर्थन से राहत मिली है, और यह देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या कदम उठाए जाते हैं। हालांकि, यह मामला भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक और राजनीतिक संबंधों पर भी प्रभाव डाल सकता है, जो कि दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है।

 

 

 

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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