नई दिल्ली । विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने भारतीय शेयर बाजारों से इस महीने अब तक 9,600 करोड़ रुपए से अधिक निकाले हैं। जनवरी में भी एफपीआई ने 28,852 करोड़ रुपए की निकासी की थी। डिपॉजिटरी के आंकड़ों से पता चलता है कि यह पिछले सात महीनों में सबसे अधिक निकासी थी।
इससे पहले विदेशी निवेशकों ने दिसंबर 2022 में 11,119 करोड़ रुपए और नवंबर में 36,238 करोड़ रुपए का निवेश भारतीय बाजार में किया था। आंकड़ों के मुताबिक एफपीआई ने एक से 10 फरवरी के बीच भारतीय शेयर बाजारों से 9,672 करोड़ रुपए की निकासी की है।
बाजार के जानकारों ने कहा कि केंद्रीय बैंकों के नीतिगत ब्याज दर में वृद्धि का सिलसिला जारी रखने से आगे भी एफपीआई का पूंजी प्रवाह अस्थिर ही रहने की आशंका है। पूंजी निकासी की यह प्रवृत्ति तब तक जारी रहेगी जब तक अडानी मुद्दे पर अधिक स्पष्टता नहीं आती है, बाजार में अधिक स्थिरता आती है और एफपीआई को भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के अधिक ठोस संकेत नजर आते हैं।
उन्होंने कहा कि भारतीय बाजारों का तुलनात्मक रूप से अधिक मूल्यांकन होना भी विदेशी पूंजी की इस निकासी का एक प्रमुख कारण है। उन्होंने कहा कि भारतीय बाजारों से निकाली गई पूंजी को ताइवान, दक्षिण कोरिया और जापान जैसे बाजारों में लगाया जा रहा है। उनका कहना है कि विदेशी निवेशक वाहन एवं कलपुर्जा, निर्माण और धातु एवं खनन क्षेत्र के शेयरों में लिवाली कर रहे हैं जबकि वित्तीय सेवाओं में वे लगातार बिकवाली कर रहे हैं।
वहीं आईटी शेयर भी उन्हें आकर्षित कर रहे हैं। दूसरी ओर, एफपीआई ने समीक्षाधीन अवधि में भारतीय ऋण बाजारों में 2,154 करोड़ रुपए का निवेश किया है। इस महीने अब तक उभरते बाजारों में एफपीआई का प्रवाह मिलाजुला रहा है।