नई दिल्ली: भारतीय ऑटोमोबाइल निर्माता संगठन (SIAM) ने जून 2025 और अप्रैल से जून 2025 (Q1 FY26) की अवधि के लिए अपनी उत्पादन, घरेलू बिक्री और निर्यात रिपोर्ट जारी कर दी है। इस रिपोर्ट के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कुल घरेलू बिक्री में 5.1% की गिरावट दर्ज की गई है। इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह टू-व्हीलर सेगमेंट रहा, जिसमें 6.2% की भारी कमी आई है। हालांकि, एक अच्छी खबर यह है कि इस तिमाही में निर्यात बिक्री अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर रही और इसमें 22% की शानदार बढ़ोतरी दर्ज की गई।
SIAM ने अपने बयान में कहा है कि दूसरी तिमाही (Q2 FY26) के लिए उद्योग का नजरिया थोड़ा संभलकर आगे बढ़ने वाला है। पहली तिमाही की चुनौतियां कुछ समय तक बनी रह सकती हैं, लेकिन कई बड़े आर्थिक और मौसमी संकेत धीरे-धीरे सुधार की उम्मीद दिखा रहे हैं।
उत्पादन बढ़ा, पर घरेलू बिक्री घटी
अप्रैल से जून 2025 के बीच यात्री वाहनों (Passenger Vehicles) का उत्पादन 12,44,374 यूनिट्स रहा, जो पिछले साल की तुलना में 3.4% की बढ़त दिखाता है। हालांकि, Q1 FY26 में घरेलू बिक्री 1.4% कम रही, जहां 10,11,882 यूनिट्स की बिक्री हुई, जबकि पिछले साल इसी समय 10,26,006 गाड़ियां बिकी थीं। दिलचस्प बात यह है कि पैसेंजर कार सेगमेंट में 11.2% की गिरावट आई, जबकि यूटिलिटी व्हीकल्स (SUVs) में 3.8% की बढ़ोतरी दर्ज हुई।
टू-व्हीलर सेगमेंट में भी मंदी जारी
टू-व्हीलर सेगमेंट में अप्रैल से जून के बीच 6.2% की भारी गिरावट देखी गई। मोटरसाइकिल की बिक्री में 9.2% की गिरावट आई और स्कूटर में 0.2% की हल्की कमी रही। इस सेगमेंट का उत्पादन लगभग स्थिर रहा, FY25 में 58,59,186 यूनिट्स से FY26 में 59,00,986 यूनिट्स तक, यानी 0.7% की मामूली बढ़त। मोटरसाइकिल के अलावा, मोपेड्स की बिक्री में भी 10.9% की गिरावट दर्ज की गई।
इसके विपरीत, थ्री-व्हीलर सेगमेंट के लिए यह तिमाही अच्छी रही। Q1 FY26 में घरेलू बिक्री 1,65,211 यूनिट्स रही, जो पिछले साल के 1,65,081 यूनिट्स के मुकाबले 0.1% की मामूली बढ़त है। हालांकि, ई-रिक्शा सेगमेंट में 30.3% की बड़ी गिरावट देखी गई।
ऑटो कंपनियों का निर्यात पहुंचा रिकॉर्ड स्तर पर
निर्यात (Export) के मामले में सभी सेगमेंट में जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जो भारतीय ऑटो उद्योग के लिए एक बड़ी राहत है। Q1 FY26 में कुल निर्यात 14,57,461 यूनिट्स रहा, जो पिछले साल की तुलना में 22.2% ज्यादा है।
- कमर्शियल व्हीकल सेगमेंट में सबसे ज्यादा 52.8% की बढ़ोतरी हुई, जहां 6,439 यूनिट्स निर्यात किए गए जबकि FY25 में यह संख्या 4,213 थी।
- टू-व्हीलर सेगमेंट में 23.2% की बढ़त दर्ज हुई और 11,36,942 यूनिट्स निर्यात किए गए।
- मोपेड्स के निर्यात में तो 316.2% की जबरदस्त बढ़ोतरी हुई।
- फोर-व्हीलर सेगमेंट में भी 13.2% की बढ़त रही, जिसमें वैन और यूटिलिटी व्हीकल सेगमेंट ने क्रमशः 34% और 26.2% की बढ़त के साथ योगदान दिया।
यह रिपोर्ट दर्शाती है कि घरेलू बाजार में चुनौतियों के बावजूद, भारतीय ऑटोमोबाइल निर्माता अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं।