नई दिल्ली: जल्द ही भारत में लैंडलाइन नंबर 10 अंकों के हो सकते हैं। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने नंबरिंग सिस्टम में बदलाव का प्रस्ताव रखा है। TRAI का मानना है कि बढ़ते डिजिटल युग में और अधिक नंबरों की आवश्यकता है और 10 अंकों का नंबरिंग सिस्टम इस जरूरत को पूरा करेगा।
क्यों जरूरी है बदलाव?
- बढ़ते डिजिटल युग: आजकल हर घर में कई तरह के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस हैं और इन सभी को एक यूनिक नंबर की जरूरत होती है। 10 अंकों का नंबरिंग सिस्टम इस बढ़ती हुई मांग को पूरा करेगा।
- बेहतर सेवाएं: अधिक नंबरों के साथ टेलीकॉम कंपनियां ग्राहकों को बेहतर सेवाएं प्रदान कर सकेंगी।
- अंतरराष्ट्रीय मानक: कई देशों में पहले से ही 10 अंकों का नंबरिंग सिस्टम है। भारत में भी इसी तरह का सिस्टम अपनाने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कनेक्टिविटी में आसानी होगी।
कैसे होगा बदलाव?
TRAI ने लैंडलाइन-टू-लैंडलाइन कॉल्स के लिए ‘0’ और उसके बाद एरिया का STD कोड और सब्सक्राइबर का नंबर लगाने का प्रस्ताव दिया है। इस बदलाव के लिए टेलीकॉम डिपार्टमेंट (DoT) को छह महीने की समयसीमा दी गई है।
क्या रहेगा फायदा?
- अधिक नंबर: 10 अंकों के नंबरिंग सिस्टम से अधिक नंबर उपलब्ध होंगे।
- बेहतर सेवाएं: टेलीकॉम कंपनियां ग्राहकों को बेहतर सेवाएं प्रदान कर सकेंगी।
- अंतरराष्ट्रीय मानक: यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कनेक्टिविटी में आसानी लाएगा।
TRAI के अन्य कदम:
- नंबर पोर्टेबिलिटी: TRAI ने लैंडलाइन फोन्स के नंबर की पोर्टेबिलिटी का भी संकेत दिया है।
- कॉलर आईडी: TRAI ने DoT से कॉलर आईडी फीचर को तुरंत लागू करने के लिए कहा गया है।
- स्पैम कॉल्स और मैसेज: TRAI ने स्पैम कॉल्स और मैसेज की समस्या को दूर करने के लिए भी कई उपाय किए हैं।
TRAI द्वारा 10 अंकों के लैंडलाइन नंबर के प्रस्ताव से टेलीकॉम सेक्टर में कई बदलाव आएंगे। यह कदम भारत को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।