तेहरान: ईरान की एक यूनिवर्सिटी कैंपस में सिर्फ अंडरगारमेंट्स में घूमने वाली छात्रा अहौ दारयाई को तेहरान की अदालत ने रिहा कर दिया है। इस फैसले के तहत कोर्ट ने कहा कि छात्रा के खिलाफ कोई मुकदमा नहीं चलाया जाएगा और उसे उसकी बीमारी की स्थिति को ध्यान में रखते हुए रिहा किया गया है।
क्या था मामला?
हाल ही में, ईरान के तेहरान की इस्लामिक आजाद यूनिवर्सिटी में अहौ दारयाई का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वीडियो में वह यूनिवर्सिटी के कैंपस में सिर्फ अंडरगारमेंट्स में घूमते हुए नजर आ रही थीं। यह घटना इस्लामिक ड्रेस कोड का विरोध करने के रूप में सामने आई, जब छात्रा ने यूनिवर्सिटी की सिक्योरिटी द्वारा अपने कपड़े उतारने के आदेश को मानने से इनकार कर दिया और विरोध स्वरूप वह खुद अपने सारे कपड़े उतारकर कैंपस में घूमने लगी।
वीडियो के वायरल होते ही यह घटना पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गई। कई अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और अधिकार समूहों ने इस मामले में हस्तक्षेप किया और ईरान सरकार से छात्रा को तत्काल रिहा करने की अपील की।
कोर्ट का फैसला और कारण
तेहरान की अदालत ने इस मामले पर फैसला सुनाते हुए कहा कि छात्रा अहौ दारयाई पर कोई भी मुकदमा नहीं चलाया जाएगा। अदालत के प्रवक्ता असगर जहांगीर ने बताया कि इस फैसले के पीछे की वजह छात्रा का मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य था। न्यायपालिका ने बताया कि छात्रा को अस्पताल भेजा गया था और चिकित्सकों ने उसकी बीमारी की पुष्टि की थी।
अदालत के अनुसार, छात्रा के परिवारिक समस्याओं के कारण मानसिक स्थिति असामान्य हो गई थी, और वह इस कारण से इस प्रकार का असामान्य व्यवहार कर रही थी। परिवार और साथी छात्रों के अनुसार, पहले भी छात्रा में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं देखी गई थीं।
एमनेस्टी इंटरनेशनल की अपील
छात्रा के वीडियो के वायरल होने के बाद, अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने ईरान के अधिकारियों से अपील की थी कि वे अहौ दारयाई को बिना किसी देरी के रिहा करें। संगठन ने ट्वीट कर कहा था कि “जब तक छात्रा की रिहाई नहीं हो जाती, अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसे किसी भी प्रकार की यातनाओं या दुर्व्यवहार से बचाया जाए और वह अपने परिवार और वकील से संपर्क कर सके।”
नैतिक और कानूनी विवाद
यह घटना ईरान में महिलाओं के अधिकारों और इस्लामिक ड्रेस कोड के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि में हुई है। कई ईरानी नागरिकों और मानवाधिकार समूहों ने आरोप लगाया है कि देश में महिलाओं को ड्रेस कोड के नाम पर अत्यधिक दबाव डाला जाता है। इस घटना ने न केवल ईरान बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी व्यापक ध्यान आकर्षित किया है।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
छात्रा के वीडियो और रिहाई के बाद कई देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने ईरान की मानवाधिकार स्थिति पर सवाल उठाए हैं। कई मानवाधिकार संगठनों ने इसे एक संकेत माना है कि ईरान में महिलाओं के अधिकारों को दबाया जा रहा है और सरकार को अपनी नीतियों में सुधार करने की आवश्यकता है।