न्यूयॉर्क। गूगल ने सारी दुनिया में 20 साल से अपना वर्चस्व बना रखा है। अब गूगल के वर्चस्व को लगातार चुनौती मिल रही है। चैट बाट इंटरनेट के इतिहास में सबसे तेजी से बढ़ने वाला ऐप बन गया है। इससे गूगल को बहुत बड़ी चुनौती मिलना शुरू हो गई है।
पिछले 2 माह में चैट जीपीटी के 10 करोड़ से ज्यादा सब्सक्राइबर्स बने हैं। इस चुनौती से निपटने के लिए गूगल ने जल्दबाजी में बार्ड टेस्टिंग के लिए उतार दिया। तकनीकी खामी आने के बाद गूगल के शेयर 8 फ़ीसदी तक गिर गए। जिसके कारण गूगल को 100 अरब डालर का नुकसान एक ही झटके में हो गया।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी तेजी के साथ कारपोरेट जंग शुरू हो गई है। माइक्रोसॉफ्ट ने अपने सर्च इंजन बिंग में चैट जीपीटी बनाने वाली कंपनी ओपन आई के साथ लगभग 82550 करोड रुपए के निवेश की घोषणा की है। इंटरनेट की दुनिया में 2 दशक तक गूगल का एकाधिकार बना हुआ था।लेकिन अब इसे माइक्रोसॉफ्ट से तगड़ी चुनौती मिल रही है। इसका मुकाबला करना गूगल के लिए आसान नहीं है।सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर के क्षेत्र में माइक्रोसॉफ्ट के प्रभाव को कम करके नहीं आंका जा सकता है।
गूगल की कमाई घटी, चुनौती बढ़ी
गूगल की विज्ञापन से कमाई लगातार घट रही है।सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस साल गूगल की विज्ञापन से कमाई पिछले साल की तुलना में 54 फ़ीसदी रहने का अनुमान लगाया जा रहा है। गूगल के ऊपर विभिन्न देशों में कानूनी मुकदमे भी बढ़ते जा रहे हैं। जिसके कारण गूगल को कई क्षेत्रों में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
तगड़ी चुनौती
माइक्रोसॉफ्ट के चैट जीपीटी, यूजर्स के सवालों का सटीक और तेज गति से जवाब देने में सक्षम साबित हुआ है। चैट जीपीटी से माइक्रोसॉफ्ट की कमाई का जरिया तेजी से बढ़ सकता है। इस मामले में गूगल का बार्क चैट जीपीटी के मुकाबले बाजार में पिछड़ गया है। चैट जीपीटी में इंटरनेट में मौजूद लाखों ग्रंथों का तेजी के साथ विश्लेषण कर देता है। लिंक के स्थान पर सीधा जवाब देता है। ग्राफिक और पेंटिंग भी बना कर दे देता है। टेक्स्ट के रूप में और संगीत इत्यादि का विविध रूप में उपयोग संभव है। जिससे यह उपभोक्ताओं की तेजी के साथ पसंद बनता जा रहा है।
बँधी मुट्ठी खुलेगी
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई का कहना है, कि हमारा एआई लैंग्वेज फॉर डायलॉग एप्लीकेशन मॉडल नए डेटा पर आधारित है। उनके अनुसार प्रतिस्पर्धी चैट जीपीटी में 2021 तक का डेटा है। उन्होंने कहा है, कि अभी हमने अपनी मुट्ठी बंद करके रखी है। जल्दी ही हम अपनी मुट्ठी को खोलेंगे। उनके हिसाब से गूगल को कोई चुनौती नहीं है। दुनिया के बाजार में गूगल की बादशाहत बनी रहेगी।