Human Metapneumovirus China: छोटे बच्चों को क्यों शिकार बना रहा है यह वायरस, एक्सपर्ट से जानें

Manisha singh
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Human Metapneumovirus China: छोटे बच्चों को क्यों शिकार बना रहा है यह वायरस

चीन में हाल ही में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) तेजी से फैलने लगा है, जिससे स्वास्थ्य विशेषज्ञों और सरकार के लिए चिंता का कारण बन गया है। यह वायरस कोविड-19 की तरह के लक्षण पैदा करता है, और रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन में इमरजेंसी जैसी स्थितियाँ बन गई हैं। चीन के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) ने बताया कि ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के लक्षण कोविड-19 से मिलते-जुलते हैं। इससे मुख्य रूप से छोटे बच्चे प्रभावित हो रहे हैं, और यह वायरस कुछ बच्चों में निमोनिया तक पैदा कर सकता है, जिसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ सकता है।

यह वायरस बच्चों में ज्यादा असर क्यों कर रहा है? इस सवाल का जवाब हम एक्सपर्ट से समझने की कोशिश करते हैं।

ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) क्या है?

एचएमपीवी एक श्वसन वायरस है, जो आमतौर पर खांसी और जुकाम जैसे लक्षण पैदा करता है। हालांकि, यह वायरस कभी-कभी बच्चों में निमोनिया का कारण भी बन सकता है। यह वायरस रेस्पिरेटरी सिंसीटियल वायरस (RSV) जैसा होता है, जो बच्चों में ब्रोंकियोलाइटिस का कारण बनता है। ब्रोंकियोलाइटिस के कारण छोटे बच्चों को सांस लेने में समस्या हो सकती है, और कुछ मामलों में यह वायरस लंग्स में गंभीर इंफेक्शन का कारण भी बन सकता है, हालांकि यह हर बच्चे पर असर नहीं डालता।

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एचएमपीवी छोटे बच्चों को क्यों प्रभावित करता है?

एम्स में पीडियाट्रिक विभाग के विशेषज्ञ डॉ. राकेश कुमार बताते हैं कि ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के अधिकतर मामले 5 साल से छोटे बच्चों में पाए जाते हैं। बच्चों की इम्यूनिटी पूरी तरह से विकसित नहीं होती, जिसके कारण वे संक्रमणों के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। चूंकि एचएमपीवी एक श्वसन वायरस है, यह हवा के माध्यम से बच्चों के फेफड़ों तक पहुंच सकता है और उन्हें आसानी से संक्रमित कर सकता है।

छोटे बच्चों के फेफड़ों में इंफेक्शन का जोखिम ज्यादा होता है, जिसके कारण उन्हें सांस लेने में परेशानी हो सकती है। चूंकि एचएमपीवी के लक्षण आरएसवी और कोविड जैसे होते हैं, इसलिए बच्चे जल्दी संक्रमित हो जाते हैं। हालांकि, ज्यादातर मामलों में बच्चे कुछ दिनों में ठीक हो जाते हैं।

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किन बच्चों को है ज्यादा खतरा?

डॉ. राकेश के मुताबिक, जिन बच्चों को पहले से अस्थमा, ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियाँ हैं, उनके लिए यह वायरस ज्यादा खतरा पैदा कर सकता है। ऐसे बच्चे इस वायरस से जल्दी प्रभावित हो सकते हैं और संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।

वायरस से बच्चों की देखभाल कैसे करें?

बच्चों को इस वायरस से बचाने के लिए कुछ जरूरी कदम उठाए जा सकते हैं:

  • हाथों की सफाई: बच्चों को नियमित रूप से हाथ धोने की आदत डालें, ताकि संक्रमण फैलने से रोका जा सके।
  • संक्रमित क्षेत्रों से बचाव: संक्रमण के फैलने के जोखिम वाले क्षेत्रों में जाने से बचें।
  • खानपान का ध्यान रखें: बच्चों की इम्यूनिटी को मजबूत करने के लिए अच्छा और पौष्टिक खानपान दें।
  • हेल्थ चेकअप: अगर बच्चा संक्रमित दिखे तो उसे तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं।
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चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के बढ़ते मामलों से यह साफ है कि छोटे बच्चों की इम्यूनिटी का ध्यान रखना बेहद महत्वपूर्ण है। माता-पिता और परिवारों को इस वायरस के लक्षणों के प्रति जागरूक रहना चाहिए और बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए सभी जरूरी सावधानियां बरतनी चाहिए। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार, समय रहते उपाय किए जाने से इस वायरस के प्रभाव को कम किया जा सकता है।

 

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Manisha Singh is a freelancer, content writer,Yoga Practitioner, part time working with AgraBharat.
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