काबुल में भीषण धमाके और गोलीबारी: पाक एयरस्ट्राइक का शक, भारत दौरे पर अफगान विदेश मंत्री; क्या है पूरा मामला? 

Manisha singh
5 Min Read
काबुल में भीषण धमाके और गोलीबारी: पाक एयरस्ट्राइक का शक, भारत दौरे पर अफगान विदेश मंत्री; क्या है पूरा मामला? 

काबुल। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल एक बार फिर भीषण धमाकों और गोलीबारी की आवाजों से दहल उठी। स्थानीय और विदेशी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शनिवार और शुक्रवार की दरमियानी रात को पूर्वी काबुल में कई शक्तिशाली विस्फोट सुने गए, जिसके बाद गोलीबारी की भी खबर है। हालांकि, हताहतों की संख्या के बारे में अभी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है।

 

हवाई हमलों का दावा और पाकिस्तान पर शक

 

घटना के तुरंत बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अज्ञात विमानों द्वारा संभावित हवाई हमलों के दावे किए जाने लगे। कई सोशल मीडिया हैंडल्स ने इन हमलों के पीछे पड़ोसी देश पाकिस्तान का हाथ होने का गंभीर दावा किया है। सूत्रों के अनुसार, इन हमलों में कथित तौर पर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के ठिकानों को निशाना बनाया गया, विशेष रूप से टीटीपी प्रमुख नूर वली महसूद के छिपने के ठिकाने पर हमला किए जाने की बात कही जा रही है।

अंतरिम तालिबान प्रशासन के मुख्य प्रवक्ता ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा है कि “काबुल शहर में विस्फोट की आवाज सुनी गई है। हालांकि किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है, सब कुछ ठीक है। घटना की जांच शुरू कर दी गई है और अब तक किसी नुकसान की रिपोर्ट नहीं मिली है।”

See also  ट्रंप-मस्क जुबानी जंग में आया नया मोड़: एलॉन मस्क ने मांगी माफ़ी, पर विवाद की जड़ अभी भी गहरी

 

भारत दौरे के दौरान हुआ हमला: एक बड़ा संयोग?

 

यह घटना ऐसे समय में हुई है जब अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी भारत की महत्वपूर्ण यात्रा पर हैं। मुत्ताकी भारत के साथ आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वार्ता के लिए नई दिल्ली पहुंचे हैं। 2021 में सत्ता पर तालिबान के कब्जे के बाद से यह किसी भी तालिबान नेता की पहली भारत यात्रा है। उनकी छह दिवसीय यात्रा को अंतरिम तालिबान प्रशासन की ओर से राजनयिक मान्यता प्राप्त करने और क्षेत्रीय शक्तियों के साथ जुड़ाव बढ़ाने के एक बड़े प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि तालिबान विदेश मंत्री के भारत में मौजूद होने के दौरान काबुल पर हमला करना एक सीधा अल्टीमेटम हो सकता है। कुछ जानकारों का कहना है कि इसके जरिए पाकिस्तान, तालिबान को यह संदेश देना चाहता है कि भारत उनकी (तालिबान) की रक्षा नहीं करेगा।

See also  व्हाइट हाउस की नई मीडिया पॉलिसी: रॉयटर्स-एपी बाहर, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर को मौका

 

पाकिस्तान-अफगानिस्तान तनाव अपने चरम पर

काबुल में संभावित पाकिस्तानी एयरस्ट्राइक के दावों के पीछे अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच लगातार गहराता तनाव है। दोनों देशों के बीच सीमा विवाद और पाकिस्तान में बढ़ते आतंकी हमलों को लेकर संबंध काफी तनावपूर्ण हो गए हैं।

पाकिस्तान का आरोप है कि अफगानिस्तान का अंतरिम प्रशासन, पाकिस्तान के खिलाफ सक्रिय आतंकवादी समूह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) को समर्थन दे रहा है और उन्हें अपने क्षेत्र में सुरक्षित पनाहगाह मुहैया करा रहा है। हाल ही में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में दावा किया था कि अफगानिस्तान के अंतरिम प्रशासन ने टीटीपी आतंकवादियों को सीमा से दूर रखने के लिए इस्लामाबाद से फंड की मांग की थी, जिसे पाक ने अस्वीकार कर दिया। उन्होंने यह भी बताया था कि उन्होंने आईएसआई महानिदेशक के साथ काबुल जाकर तालिबान से टीटीपी को समर्थन देना बंद करने और उनके पनाहगाहों को खत्म करने की मांग की थी। हाल के महीनों में सीमा (डूरंड रेखा) पर तालिबान और पाक सेना के बीच कई बार भीषण झड़पें भी देखने को मिली हैं, जिससे यह तनाव और बढ़ गया है।

See also  लंदन में विदेश मंत्री की सुरक्षा में चूक, खालिस्तान समर्थकों ने किया तिरंगे का अपमान

फिलहाल, काबुल में हुए इन धमाकों की जिम्मेदारी किसी भी समूह ने नहीं ली है और तालिबान प्रशासन की जांच रिपोर्ट का इंतजार है। इस ताजा घटना ने एक बार फिर दोनों पड़ोसी देशों के बीच अस्थिर संबंधों और क्षेत्रीय सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है।

See also  ट्रंप-मस्क जुबानी जंग में आया नया मोड़: एलॉन मस्क ने मांगी माफ़ी, पर विवाद की जड़ अभी भी गहरी
Share This Article
Follow:
Granddaughter of a Freedom Fighter, Kriya Yoga Practitioner, follow me on X @ManiYogini for Indic History and Political insights.
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement