पाकिस्तानी पत्रकारों ने खोली सरकार की पोल, ऑपरेशन सिंदूर की ‘जीत’ पर उठाए गंभीर सवाल

Dharmender Singh Malik
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पाकिस्तानी पत्रकारों ने खोली सरकार की पोल, ऑपरेशन सिंदूर की 'जीत' पर उठाए गंभीर सवाल

पाकिस्तान के पत्रकार और यूट्यूबर अहमद नूरानी इन दिनों अपनी बेबाक टिप्पणियों से पाकिस्तान की सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। ऑपरेशन बुनियान उल मरसूस में कथित जीत का जश्न मना रहे पाकिस्तानी आवाम को झकझोरते हुए नूरानी, असद तूर और कमर चीमा जैसे पत्रकारों ने शहबाज शरीफ सरकार की नीतियों और दावों पर गंभीर सवाल उठाए हैं।

अहमद नूरानी, जिनके कुछ वीडियो को पाकिस्तानी सरकार ने ब्लॉक कर दिया है, ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सरकार पर झूठ बोलने का आरोप लगा रहे हैं। एक वीडियो में उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “ये जवाब नहीं है, उन्होंने आपके मैनलैंड के चार शहरों में टारगेट को हिट किया है, दर्जनों बंदों को मार दिया है यार, आप क्या बात कर रहे हैं कि उनका तैयारा हमने गिरा दिया था… अजब बात है यार… आप अपने बच्चों को बेवकूफ बना रहे हो।”

भारत की ओर इशारा करते हुए नूरानी ने आगे कहा कि भारतीय हमलों के नुकसान के विस्तृत विवरण और सबूत मौजूद हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि पाकिस्तान के हमलों से क्या नुकसान हुआ, इसके कोई तथ्यात्मक विवरण या प्रमाण क्यों नहीं हैं। नूरानी ने दावा किया कि 7 तारीख के बाद से पंजाब और सिंध के शहरों समेत पूरे पाकिस्तान में खौफ का माहौल था। भारतीय ड्रोन सैकड़ों की संख्या में पाकिस्तानी शहरों में घूमते रहे और जहां चाहा वहां हमले किए, चाहे वह रावलपिंडी का स्टेडियम हो या अटक के पास का कोई इलाका, जहां एक व्यक्ति शहीद हुआ। उन्होंने कहा कि ड्रोन हमलों में बेशुमार लोगों की जानें गईं और पूरे पाकिस्तान में डर का माहौल रहा। नूरानी ने सरकार से सच्चाई स्वीकार करने का आग्रह करते हुए कहा कि भले ही उन्हें गद्दार कहा जाए, लेकिन सच्चाई पर चलने से ही बेहतरी आएगी। उन्होंने सवाल किया कि क्या अमृतसर के सिवाय किसी भारतीय शहर में खौफ का माहौल था?

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अहमद नूरानी के इस वीडियो पर हजारों लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं, जो सरकार के दावों पर संदेह व्यक्त कर रहे हैं।

गौरतलब है कि पाकिस्तानी सरकार के कहने पर 11 मई को ‘शुक्रिया दिवस’ मनाया गया था, जिसमें शहबाज शरीफ ने अपनी जनता से कहा था कि चार दिन की जंग में पाकिस्तान की जीत हुई है और इसी दावे के आधार पर लोगों ने खूब पटाखे फोड़े थे।

हालांकि, पाकिस्तान के रक्षा विशेषज्ञ और भारतीय टीवी डिबेट में शामिल होने वाले कमर चीमा ने भी सरकार के इस दावे पर सवाल उठाया है। एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, “आपके घर के अंदर उन्होंने हमला किया है, और आप पाकिस्तान में कहते हैं, मोदी साहब कामयाब हैं भाई, वो 100 परसेंट कामयाब हैं, वो 200 फीसदी सफल हैं, याद रखिए। और यहां पर ये कन्फ्यूज लीडरशिप का क्या करना है। मुझे नहीं पता। मेरे पास कोई आइडिया नहीं है।” चीमा ने स्पष्ट रूप से भारतीय हमलों की सफलता को स्वीकार किया और पाकिस्तानी नेतृत्व की भ्रमित प्रतिक्रिया पर निराशा व्यक्त की।

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एक अन्य पाकिस्तानी पत्रकार असद तूर ने भी अपनी सरकार से इसी तरह के सवाल पूछे हैं। उन्होंने कहा कि अगर भारत पारंपरिक युद्ध करता है तो वह पाकिस्तान को इतना नुकसान पहुंचाएगा कि पाकिस्तान को उसकी कीमत बहुत ज्यादा लगेगी। तूर ने कहा कि भारत में एक भी कार्रवाई पाकिस्तान के लिए भारी कीमत साबित होती है और पाकिस्तान को उतना हासिल नहीं होता जितना नुकसान उठाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि भारत पाकिस्तान के लिए उस कीमत को बढ़ाना चाहता है।

यह ध्यान देने योग्य है कि पाकिस्तान में मीडिया पर पाकिस्तानी सेना की कड़ी सेंसरशिप है। पत्रकारों और यूट्यूबरों को अपने विचार व्यक्त करते समय सेना के दृष्टिकोण का ध्यान रखना होता है। इसके बावजूद, ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान की कथित हार के बाद कई पत्रकार सीधे तौर पर सरकार से सवाल पूछ रहे हैं, जो देश में सच्चाई और जवाबदेही की मांग को दर्शाता है।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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