व्हाइट हाउस की नई मीडिया पॉलिसी: रॉयटर्स-एपी बाहर, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर को मौका

Gaurangini Chaudhary
Gaurangini Chaudhary - Content writer
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व्हाइट हाउस ने प्रेस पॉलिसी में बड़ा बदलाव करते हुए रॉयटर्स, एपी और ब्लूमबर्ग जैसी एजेंसियों को प्रेस पूल से बाहर कर दिया है। अब सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और कंटेंट क्रिएटर्स को मौका मिलेगा। जानिए क्या हैं इसके मायने।

वॉशिंगटन: अमेरिका के व्हाइट हाउस ने 111 साल पुरानी मीडिया कवरेज परंपरा को बदलते हुए अपनी प्रेस नीति में बड़ा बदलाव किया है। नई पॉलिसी के तहत रॉयटर्स, एपी (Associated Press) और ब्लूमबर्ग जैसी प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसियों को व्हाइट हाउस प्रेस पूल से बाहर कर दिया गया है। इसका मतलब है कि ये संस्थान अब अमेरिकी राष्ट्रपति से जुड़े कार्यक्रमों की कवरेज के लिए व्हाइट हाउस के नियमित कवरेज ग्रुप में शामिल नहीं रहेंगे।

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 क्या होता है व्हाइट हाउस प्रेस पूल?

व्हाइट हाउस प्रेस पूल एक सीमित समूह होता है जिसमें 10 पत्रकार या मीडिया संस्थान शामिल होते हैं। यह ग्रुप राष्ट्रपति की हर आधिकारिक गतिविधि—चाहे वह ओवल ऑफिस हो, प्रेस ब्रीफिंग रूम हो या राष्ट्रपति का विशेष विमान ‘एयर फोर्स वन’—को कवर करता है। अन्य मीडिया संस्थान इन्हीं संस्थानों के फीड पर निर्भर रहते हैं।

क्या बदला गया है?

अब प्रेस पूल में कौन शामिल होगा, इसका निर्णय व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलिन लेविट करेंगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक दिन प्रेस पूल में नए लोगों को शामिल किया जाएगा और पारंपरिक मीडिया के साथ-साथ पॉडकास्टर, यूट्यूबर्स, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और कंटेंट क्रिएटर्स को भी मौका मिलेगा।

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प्रेस की स्वतंत्रता पर खतरा?

रॉयटर्स, एपी और ब्लूमबर्ग जैसी एजेंसियों ने इस कदम की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि यह स्वतंत्र पत्रकारिता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है। उन्होंने कहा कि उनकी रिपोर्ट्स हर दिन अरबों लोगों तक पहुंचती हैं और ऐसे फैसले जनता को स्वतंत्र और सटीक जानकारी पाने के अधिकार से वंचित कर देंगे।

111 साल पुरानी परंपरा टूटी

व्हाइट हाउस कॉरेस्पॉन्डेंट एसोसिएशन (WHCA), जिसकी स्थापना 1914 में हुई थी, अब प्रेस पूल के सदस्यों का चयन नहीं करेगी। अब यह जिम्मेदारी पूरी तरह व्हाइट हाउस के पास है। यह बदलाव पत्रकारों के निष्पक्ष चयन की पुरानी व्यवस्था को समाप्त कर देता है।

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 व्हाइट हाउस का तर्क

प्रेस सेक्रेटरी कैरोलिन लेविट का कहना है कि इस बदलाव का मकसद राष्ट्रपति ट्रंप का संदेश सही ऑडियंस तक पहुंचाना और प्रेस पूल में विविधता लाना है। उन्होंने कहा, “हर विषय पर विशेषज्ञों को जगह दी जाएगी और मीडिया की नई आवाजों को प्लेटफॉर्म मिलेगा।”

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