भारत की मिस्सी रोटी को दुनिया के घटिया खानों में शामिल किया गया, सोशल मीडिया पर मचा हंगामा
आगरा/नई दिल्ली। भारत की पारंपरिक और पोषण से भरपूर मिस्सी रोटी को हाल ही में दुनिया के सबसे खराब खाने की लिस्ट में शामिल किया गया है। टेस्ट एटलस द्वारा जारी की गई ‘दुनिया की सबसे खराब डिशेज़’ की सूची में 56वें स्थान पर अपनी जगह बनाने वाली यह डिश भारतीय सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई है। इस लिस्ट में भारत के एकमात्र खाद्य आइटम के रूप में मिस्सी रोटी को रखा गया है, और इस पर देशवासियों का गुस्सा खुलकर सामने आया है।
मिस्सी रोटी: एक पारंपरिक भारतीय स्वाद
मिस्सी रोटी भारत के कई हिस्सों में खासकर उत्तर भारत और पंजाब में बहुत लोकप्रिय है। यह रोटी बेसन (चने का आटा), मसालों और सब्ज़ियों से बनाई जाती है। इसे खास तौर पर नॉन-ग्लूटेन फूड के रूप में जाना जाता है, जो स्वास्थ्य के लिहाज से भी फायदेमंद होती है। मिस्सी रोटी को अक्सर दही, अचार और सब्ज़ी के साथ खाया जाता है। इसका स्वाद और पोषण इसे एक सुपरफूड बनाता है।
टेस्ट एटलस की विवादास्पद सूची
जनवरी 2025 में जारी की गई टेस्ट एटलस की सूची में मिस्सी रोटी को दुनिया की सबसे खराब 100 डिशेज़ में से 56वें स्थान पर रखा गया। इस सूची में अन्य अजीबोगरीब डिशेज़ जैसे कि जेली ईल्स, फ्रॉग आई सलाद, डेविल्ड किडनीज, और ब्लड डम्पलिंग जैसी डिशेज़ भी शामिल थीं। मिस्सी रोटी को इस तरह की अनाप-शनाप डिशेज़ के साथ स्थान देने पर भारत में एक बड़ा विरोध देखा जा रहा है।
सोशल मीडिया पर गुस्सा
सोशल मीडिया पर भारत के नागरिकों ने इस सूची का कड़ा विरोध किया है। कई यूजर्स का कहना है कि यह निर्णय पक्षपाती है, और हर किसी का स्वाद अलग होता है। एक यूजर ने लिखा, “अगर उन्हें भारतीय डिश को आलोचना करना ही था, तो वे बैंगन या करेले की सब्जी को शामिल करते, मिस्सी रोटी क्यों?” दूसरे यूजर्स ने लिखा कि यह सिर्फ भारत के खाने को नीचा दिखाने की कोशिश है। कुछ ने तो यह भी कहा कि टेस्ट एटलस ने जानबूझकर भारतीय खाने को इस सूची में डाला है, ताकि यह साबित किया जा सके कि हर भारतीय डिश मास्टरपीस नहीं होती।
मिस्सी रोटी का पोषण मूल्य
मिस्सी रोटी को खासतौर पर उसकी उच्च पोषण गुणवत्ता के लिए सराहा जाता है। इसमें फाइबर, प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं। यह रक्तचाप को नियंत्रित करने, पाचन क्रिया को बेहतर करने, और वजन कम करने में भी सहायक मानी जाती है। इसके अलावा, यह ग्लूटेन-फ्री होने के कारण उन लोगों के लिए भी उपयुक्त है, जिन्हें ग्लूटेन से एलर्जी होती है।
स्वाद से भरी मिस्सी रोटी का महत्व
मिस्सी रोटी भारतीय खाने का अहम हिस्सा है। यह न सिर्फ स्वाद से भरपूर होती है, बल्कि भारतीय परंपराओं और संस्कृतियों को भी जीवित रखती है। इसे परिवार के साथ खाने से जुड़ी सामाजिक परंपराओं को भी बढ़ावा मिलता है। इसके पोषण के कारण यह व्यंजन भारतीय रसोई में हमेशा प्रासंगिक रहेगा।
मिस्सी रोटी को गलत तरीके से आंका गया
भारत की संस्कृति में भोजन सिर्फ पेट भरने के लिए नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक अभिव्यक्ति है। मिस्सी रोटी की इस गलत तरीके से आलोचना करना, भारतीय भोजन के प्रति एक अनुचित रवैया दर्शाता है। यह किसी भी डिश की अपमानजनक आलोचना को बढ़ावा देने के बजाय, हमें अपनी पारंपरिक डिशेज़ के महत्व को समझने की जरूरत है।