ज्योतिषाचार्य राहुल भारद्वाज ने बताया है कि इस साल का रक्षाबंधन बेहद खास होने वाला है। 19 अगस्त को दोपहर 1:29 बजे से राखी बांधने का शुभ मुहूर्त शुरू होगा।
क्या बना रहा है इस बार रक्षाबंधन को खास?
90 साल बाद दुर्लभ संयोग: इस बार रक्षाबंधन पर कई शुभ योग एक साथ बन रहे हैं जो 90 साल में एक बार होता है।
भद्रा काल: हालांकि, भद्रा काल सुबह 5:52 से दोपहर 1:29 तक रहेगा, लेकिन उसके बाद पूरा दिन राखी बांधने के लिए शुभ रहेगा।
अन्य शुभ मुहूर्त: शाम 6:56 से रात 9:08 तक भी राखी बांधने का शुभ समय है।
ग्रहों की स्थिति: इस दिन कई ग्रहों की विशेष स्थिति के कारण, यह दिन धार्मिक दृष्टिकोण से भी बहुत महत्वपूर्ण है।
क्यों है ये रक्षाबंधन खास?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन बन रहे कई शुभ योग भाई-बहन के रिश्ते को और मजबूत बनाएंगे। साथ ही, ये योग व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि लाने वाले भी माने जाते हैं।
इस साल का रक्षाबंधन न सिर्फ भाई-बहन के प्यार का त्योहार है, बल्कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार एक शुभ अवसर भी है। यज्ञोपवीत धारण करने के लिए पूरा दिन शुभ है। उपाकर्म के लिए भद्रा काल के बाद कोई भी समय चुना जा सकता है।
रक्षाबंधन 2024 पर बन रहे शुभ योग और उनका महत्व
इस साल का रक्षाबंधन कई शुभ योगों के संयोग के कारण बेहद खास है। ये योग व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा लाने वाले माने जाते हैं। आइए जानते हैं इन शुभ योगों के बारे में:
सर्वार्थ सिद्धि योग: यह योग सभी कार्यों में सफलता दिलाने वाला माना जाता है। रक्षाबंधन के दिन इस योग का बनना बहनों को दीर्घायु और भाइयों को सफलता प्रदान करता है।
रवि योग: सूर्य देव का यह योग व्यक्ति को ऊर्जा, ओज और प्रतिष्ठा प्रदान करता है।
शोभन योग: यह योग सभी प्रकार के शुभ कार्यों के लिए उत्तम माना जाता है।
श्रवण नक्षत्र: यह नक्षत्र ज्ञान, बुद्धि और आध्यात्मिक विकास से जुड़ा हुआ है।
शश राजयोग: यह योग धन, वैभव और समृद्धि लाने वाला माना जाता है।
शुक्रादित्य योग: यह योग सुख, वैभव और वैवाहिक जीवन में मधुरता लाता है।
बुधादित्य योग: यह योग बुद्धि, विवेक और व्यापार में सफलता दिलाता है।
लक्ष्मी नारायण योग: यह योग धन, वैभव और सुख-समृद्धि लाता है।
त्रिग्रही योग: तीन ग्रहों का एक साथ होना बहुत शुभ माना जाता है। यह योग व्यक्ति को कई तरह के लाभ पहुंचाता है।
इन योगों का महत्व:
ये सभी योग मिलकर रक्षाबंधन के दिन एक अद्भुत संयोग बना रहे हैं। इनके प्रभाव से भाई-बहन के रिश्ते और मजबूत होंगे और परिवार में सुख-शांति का वातावरण रहेगा। साथ ही, ये योग व्यक्ति के जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता दिलाने वाले भी माने जाते हैं।
ध्यान देने योग्य बातें:
भद्रा काल के बाद राखी बांधना शुभ होता है।
प्रदोष काल में भी राखी बांधने का शुभ समय है।
यज्ञोपवीत धारण करने के लिए पूरा दिन शुभ है।