भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, और यह स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरे का संकेत है। आईसीएमआर के आंकड़ों के अनुसार, देश में 10 करोड़ से अधिक लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं, और यह संख्या हर साल बढ़ती जा रही है। डायबिटीज एक जीवनभर की बीमारी है, जिसे केवल नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन इसका इलाज नहीं है। शुगर लेवल बढ़ने से शरीर के विभिन्न अंगों पर बुरा असर पड़ता है, और यह आंखों की गंभीर समस्याओं, यहां तक कि अंधेपन का कारण भी बन सकता है।
डायबिटीज और आंखों पर प्रभाव
डायबिटीज के कारण रक्त में शुगर का स्तर बढ़ने से शरीर के रक्त संचार प्रणाली पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे आंखों की रेटिना की नसों पर भी असर पड़ने लगता है। यदि लंबे समय तक शुगर लेवल नियंत्रित नहीं रहता है, तो यह रेटिना को कमजोर कर सकता है और धीरे-धीरे यह पूरी तरह से खराब हो सकता है। रेटिना की समस्या अंधेपन की ओर भी ले जा सकती है, जिससे मरीज का जीवन मुश्किल हो सकता है।
कौन लोग हैं ज्यादा जोखिम में?
सर गंगाराम अस्पताल के आई डिपार्टमेंट के पूर्व प्रमुख डॉ. एके ग्रोवर का कहना है कि 50 साल की उम्र के बाद डायबिटीज के मरीजों को इस समस्या का अधिक खतरा होता है। यह समस्या टाइप-1 और टाइप-2 दोनों प्रकार के डायबिटीज मरीजों को हो सकती है। हालांकि, शुरुआती दौर में इसके लक्षण हल्के होते हैं और यह आसानी से पहचान में नहीं आते, लेकिन चश्मों की दुकानों पर किए जाने वाले सामान्य आई चेकअप में यह बीमारी सामने नहीं आ पाती। इसके लिए एक विशेषज्ञ से सही आई टेस्ट करवाना जरूरी है।
डायबिटीज के मरीजों के लिए महत्वपूर्ण लक्षण
डायबिटीज के मरीजों को आंखों में होने वाले कुछ लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये लक्षण गंभीर समस्या की ओर इशारा कर सकते हैं। इन लक्षणों में शामिल हैं:
- धुंधला दिखना: अचानक आंखों का धुंधला दिखना, खासकर दूर के वस्तुओं को देखने में समस्या आना।
- आंखों में दर्द: आंखों में लगातार दर्द महसूस होना।
- आंखों के चारों ओर सूजन: आंखों के आसपास सूजन आना, जो आराम से ठीक न हो।
- आंखों में फ्लोटर्स आना: आंखों में काले रंग के छोटे धब्बे दिखना।
- रंगों का फीका या धुंधला दिखाई देना: रंगों की पहचान में कठिनाई होना।
- आंखों से लगातार पानी आना और जलन रहना: आंखों में जलन और पानी का आना।
- कुछ पढ़ने में परेशानी होना: छोटे अक्षरों या शब्दों को पढ़ने में समस्या आना।
क्यों न करें इन लक्षणों को नजरअंदाज?
डायबिटीज के मरीजों को अपने आंखों के लक्षणों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। यदि ऊपर दिए गए किसी भी लक्षण का अनुभव हो, तो तुरंत एक विशेषज्ञ से संपर्क करें। आंखों की नियमित जांच से समय रहते समस्याओं का पता चल सकता है और उचित उपचार शुरू किया जा सकता है। यदि इन लक्षणों को नजरअंदाज किया गया, तो यह अंधेपन की गंभीर स्थिति का कारण बन सकता है, जिसे रोकने का कोई उपाय नहीं होता।
डायबिटीज का असर शरीर के हर अंग पर पड़ सकता है, और आंखें इस मामले में सबसे अधिक प्रभावित होती हैं। इस बीमारी से जुड़े आंखों के लक्षणों को समय रहते पहचानकर इलाज कराना जरूरी है। अगर आपको डायबिटीज है और आंखों में किसी प्रकार की परेशानी महसूस हो रही है, तो इसे नजरअंदाज न करें और तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें। सही समय पर इलाज से अंधेपन को रोका जा सकता है और आपकी दृष्टि सुरक्षित रखी जा सकती है।