क्रिएटिनिन: शरीर में क्यों बढ़ता है और किडनी को कैसे करता है खराब? जानें लक्षण और बचाव के तरीके

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क्रिएटिनिन: शरीर में क्यों बढ़ता है और किडनी को कैसे करता है खराब? जानें लक्षण और बचाव के तरीके

क्रिएटिनिन हमारे शरीर में मांसपेशियों की सामान्य गतिविधियों के दौरान बनने वाला एक अपशिष्ट पदार्थ है। हमारी किडनी इस क्रिएटिनिन को खून से फिल्टर करके पेशाब के रास्ते शरीर से बाहर निकाल देती है। हालांकि, जब किडनी ठीक से काम नहीं कर पाती है, तो यह क्रिएटिनिन खून में जमा होने लगता है, जिससे कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इसलिए, शरीर में क्रिएटिनिन के स्तर पर ध्यान देना और इसे नियंत्रित रखना बहुत जरूरी है। क्रिएटिनिन का बढ़ना अक्सर किडनी की समस्या का शुरुआती संकेत होता है, जिसे कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। सही खानपान और एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर इसे नियंत्रित किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि क्रिएटिनिन बढ़ने से किडनी कैसे खराब होती है और यह शरीर में कैसे बढ़ता है, साथ ही इसके लक्षणों और बचाव के तरीकों पर भी एक नजर डालते हैं।

क्रिएटिनिन बढ़ने पर दिखने वाले शुरुआती संकेत

जब शरीर में क्रिएटिनिन का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है, तो कुछ विशिष्ट लक्षण दिखाई देने लगते हैं, जिन पर ध्यान देना आवश्यक है:

  • कमजोरी और थकान महसूस होना: शरीर में ऊर्जा की कमी महसूस होना और लगातार थकान बने रहना।
  • चेहरे और पैरों में सूजन आना: किडनी की कार्यक्षमता प्रभावित होने से शरीर में पानी जमा होने लगता है, जिससे सूजन आ सकती है।
  • पेशाब कम होना या उसमें झाग दिखना: पेशाब की मात्रा में कमी आना या पेशाब में असामान्य रूप से झाग दिखाई देना।
  • भूख न लगना और उल्टी जैसा महसूस होना: पाचन संबंधी समस्याएं भी क्रिएटिनिन बढ़ने का संकेत हो सकती हैं।
  • सिरदर्द या चक्कर आना: शरीर में विषाक्त पदार्थों के जमा होने के कारण सिरदर्द और चक्कर महसूस हो सकते हैं।

शरीर में क्रिएटिनिन का सामान्य स्तर

प्रत्येक व्यक्ति में क्रिएटिनिन का स्तर थोड़ा भिन्न हो सकता है, लेकिन एक सामान्य वयस्क में इसका स्तर इस प्रकार होना चाहिए:

  • पुरुषों में: 0.7 से 1.3 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर (mg/dL)
  • महिलाओं में: 0.6 से 1.1 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर (mg/dL)
  • बच्चों में: 0.3 से 0.7 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर (mg/dL)

यदि आपका क्रिएटिनिन स्तर इन सामान्य सीमाओं से अधिक है, तो यह संकेत हो सकता है कि आपकी किडनी ठीक से कार्य नहीं कर रही है और आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

क्रिएटिनिन बढ़ने के मुख्य कारण

शरीर में क्रिएटिनिन का स्तर बढ़ने के कई संभावित कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • किडनी की बीमारी: यदि किसी व्यक्ति को पहले से ही किडनी से संबंधित कोई बीमारी है, जैसे कि क्रोनिक किडनी डिजीज (CKD) या एक्यूट किडनी इंजरी (AKI), तो क्रिएटिनिन का स्तर बढ़ सकता है।
  • उच्च प्रोटीन युक्त आहार: अत्यधिक मात्रा में प्रोटीन वाला भोजन, खासकर रेड मीट का सेवन करने से भी क्रिएटिनिन का स्तर अस्थायी रूप से बढ़ सकता है।
  • शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन): जब शरीर में पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं होता है, तो किडनी के लिए क्रिएटिनिन को फिल्टर करना मुश्किल हो जाता है, जिससे इसका स्तर बढ़ सकता है।
  • डायबिटीज (मधुमेह): लंबे समय तक अनियंत्रित डायबिटीज किडनी को नुकसान पहुंचा सकती है, जिससे क्रिएटिनिन का स्तर बढ़ सकता है।
  • उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर): हाई ब्लड प्रेशर भी किडनी की रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है और किडनी की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकता है, जिससे क्रिएटिनिन बढ़ सकता है।
  • कुछ दवाएं: कुछ प्रकार की दवाएं भी किडनी पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं और क्रिएटिनिन के स्तर को बढ़ा सकती हैं।
  • मांसपेशियों से जुड़ी समस्याएं: अत्यधिक व्यायाम या मांसपेशियों में चोट लगने के कारण भी अस्थायी रूप से क्रिएटिनिन का स्तर बढ़ सकता है।

क्रिएटिनिन बढ़ने से किडनी कैसे होती है खराब?

जब किडनी ठीक से काम नहीं करती है, तो वह खून से अपशिष्ट पदार्थों, जैसे कि क्रिएटिनिन को प्रभावी ढंग से फिल्टर नहीं कर पाती है। इसके परिणामस्वरूप, क्रिएटिनिन खून में जमा होने लगता है। यदि यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहती है, तो यह किडनी पर और अधिक दबाव डालती है और उसकी कार्यक्षमता को धीरे-धीरे कम करती जाती है। समय के साथ, यह क्रोनिक किडनी डिजीज (CKD) में बदल सकता है, जो एक गंभीर स्थिति है और अंततः किडनी फेलियर का कारण बन सकती है। इसलिए, बढ़े हुए क्रिएटिनिन स्तर को नियंत्रित करना और किडनी के स्वास्थ्य का ध्यान रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

क्रिएटिनिन के स्तर को कम करने के प्रभावी तरीके:

यदि आपके शरीर में क्रिएटिनिन का स्तर बढ़ गया है, तो इसे नियंत्रित करने और किडनी को स्वस्थ रखने के लिए आप निम्नलिखित उपाय अपना सकते हैं:

  • ज्यादा पानी पिएं: पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से शरीर हाइड्रेटेड रहता है और किडनी को क्रिएटिनिन को आसानी से बाहर निकालने में मदद मिलती है। रोजाना कम से कम 8-10 गिलास पानी पीना चाहिए।
  • स्वस्थ आहार अपनाएं: अपने आहार में जंक फूड, अत्यधिक नमक और उच्च प्रोटीन वाली चीजों (जैसे रेड मीट) का सेवन कम करें। फल, सब्जियां और साबुत अनाज को अपने भोजन में शामिल करें।
  • धूम्रपान और शराब छोड़ें: धूम्रपान और शराब दोनों ही किडनी के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालते हैं और उन्हें नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए, इनका सेवन बंद कर देना चाहिए।
  • ब्लड प्रेशर और शुगर को नियंत्रित करें: यदि आपको हाई ब्लड प्रेशर या डायबिटीज है, तो उन्हें नियंत्रित रखने के लिए डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं और जीवनशैली में बदलावों का पालन करें। ये स्थितियां किडनी को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
  • नियमित जांच करवाएं: यदि आपको क्रिएटिनिन बढ़ने के कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं या यदि आपको किडनी की बीमारी का खतरा है, तो नियमित रूप से अपने डॉक्टर से सलाह लें और जरूरी जांच करवाएं।
  • डॉक्टर की सलाह का पालन करें: यदि आपके डॉक्टर ने क्रिएटिनिन के स्तर को कम करने के लिए कोई विशेष दवा या उपचार बताया है, तो उसका नियमित रूप से पालन करें।

क्रिएटिनिन का बढ़ना एक गंभीर संकेत हो सकता है, जिसे कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। सही समय पर ध्यान देने और उचित कदम उठाने से किडनी को गंभीर नुकसान से बचाया जा सकता है और एक स्वस्थ जीवन जिया जा सकता है।

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