नई दिल्ली/केरल: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शनिवार को एक ऐतिहासिक गिरफ्तारी की है। एजेंसी ने 19 साल से फरार चल रहे दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो 2006 में केरल के कोल्लम जिले में एक महिला और उसके नवजात जुड़वां बच्चों की नृशंस हत्या में शामिल थे। ये आरोपी इतने लंबे समय तक कानून से बचने में सफल रहे थे, लेकिन अब आखिरकार उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।
मामला: 2006 में हुई हत्याएँ
यह घटना 10 फरवरी 2006 की है, जब केरल के कोल्लम जिले के आंचल क्षेत्र में एक 24 वर्षीय महिला और उसकी 17 दिन की जुड़वां बेटियों की हत्या कर दी गई थी। घटना ने पूरे इलाके को हैरान कर दिया था, क्योंकि यह हत्या न सिर्फ क्रूर थी, बल्कि एक छोटे परिवार के लिए किसी भी तरह से समझ में नहीं आने वाली थी। प्रारंभ में यह मामला स्थानीय पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था, लेकिन जब पुलिस मामले की गुत्थी नहीं सुलझा पाई, तो इसे जनवरी 2010 में केरल हाईकोर्ट ने सीबीआई के पास सौंप दिया।
सीबीआई की जांच और आरोपी की पहचान
सीबीआई ने जब जांच शुरू की, तो पता चला कि महिला और उसकी जुड़वां बेटियों की हत्या कोल्लम के दिविल कुमार और उसके दोस्त राजेश ने की थी। दोनों आरोपियों के खिलाफ सीबीआई ने सख्त कार्रवाई शुरू की और उनका पीछा किया। हालांकि, हत्या के बाद दोनों आरोपी फरार हो गए थे और उनका कोई पता नहीं चल रहा था। इसके बाद से दोनों आरोपियों को ‘वांछित’ घोषित कर दिया गया था और सीबीआई ने उनकी तलाश में कई प्रयास किए।
आरोपियों की पहचान छिपाने की कोशिश
सीबीआई की जांच में यह भी खुलासा हुआ कि हत्या करने के बाद दोनों आरोपियों ने अपनी पहचान बदल ली थी। दिविल कुमार ने अपना नाम बदलकर विष्णु रख लिया, जबकि राजेश ने अपना नाम प्रवीण कुमार रख लिया। इसके बाद, दोनों ने पुडुचेरी में बसने का निर्णय लिया और वहां संपत्ति खरीदी। दोनों ने पुडुचेरी में शादी की और जीवन को सामान्य रूप से जीने का प्रयास किया, लेकिन सीबीआई की सतर्क निगाहों से बच नहीं पाए।
आखिरकार गिरफ्तारी हुई
सीबीआई ने कई सालों तक इन आरोपियों की तलाश की, लेकिन इनकी गिरफ्तारी में खुफिया जानकारी से मदद मिली। जब सीबीआई को जानकारी मिली कि दोनों आरोपी पुडुचेरी में छिपे हुए हैं, तो एक विशेष टीम को वहां भेजा गया। 3 जनवरी 2025 को दिविल कुमार और राजेश को पुडुचेरी में गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों आरोपियों को एर्नाकुलम में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
सीबीआई की गिरफ्तारी और न्यायिक प्रक्रिया
सीबीआई द्वारा किए गए इस ऑपरेशन को लेकर वरिष्ठ अधिकारी काफी संतुष्ट दिखे। उन्होंने कहा कि यह गिरफ्तारी किसी भी आरोपी के लिए कानून से बचने के दिन खत्म होने का स्पष्ट संदेश है। सीबीआई के अधिकारी ने कहा कि, “हमें उम्मीद है कि इस गिरफ्तारी से पीड़ित परिवार को न्याय मिलेगा और इन आरोपियों को जल्द से जल्द सजा मिलेगी।”
हत्या के पीछे के कारण और अदालत में सुनवाई
सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ एर्नाकुलम में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में एक आरोपपत्र दाखिल किया था। आरोपियों के खिलाफ हत्या और अन्य गंभीर अपराधों के तहत मुकदमा चलाया जाएगा। इस मामले में आगे की सुनवाई अदालत में होगी, और उम्मीद जताई जा रही है कि अब इस मामले को हल करने में कोई रुकावट नहीं आएगी।
सीबीआई की सतर्कता और कार्रवाई की सराहना
यह गिरफ्तारी सीबीआई की सतर्कता और कड़ी मेहनत का परिणाम है, जिसने 19 साल से फरार आरोपियों को ढूंढने में सफलता प्राप्त की। यह घटना यह साबित करती है कि चाहे आरोपी कितने भी सालों तक फरार क्यों न रहें, कानून अंततः अपना रास्ता बनाता है और आरोपियों को सजा दिलवाता है।