हर किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता, पर जमीन, समंदर व आसमान अदानी का: राहुल गांधी

Dharmender Singh Malik
3 Min Read

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि हर किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता की कहावत उद्योगपति अडाणी ने गलत साबित कर दी। देश में जमीन, समंदर और आसमान सब उनका है। राहुल गांधी ने सोमवार को एक वीडियो जारी कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता वाली कहावत प्रधानमंत्री के उद्योगपति मित्र गौतम अदानी पर लागू नहीं होती, क्योंकि आज जमीन, समंदर और आसमान सब उनका है। राहुल गांधी ने बताया वीडियो एक में केंद्र पर आरोप लगाया कि मुंबई हवाई अड्डे समेत देश के छह प्रमुख अड्डे नियमों को ताक पर रखकर और जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करके अडाणी समूह के हवाले कर दिए गए।

See also  उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड और घने कोहरे का कहर, दिल्ली में सीवियर कोल्ड डे

किसी व्यवसाय के खिलाफ नहीं, एकाधिकार के खिलाफ हूं: राहुल
राहुल गांधी ने अपने इस वीडियो में कहा कि संसद में मैंने पीएम नरेन्द्र मोदी और अदानी के रिश्ते के बारे में सच्चाई बोली। हिंदुस्तान के धन को किस तरह लूटा जा रहा है, उस बारे में सबूत देकर सच्चाई बोली, लेकिन मेरी इन टिप्पणियों को संसद की कार्यवाही से हटा दिया गया। राहुल गांधी ने कहा कि मैं किसी व्यवसाय के खिलाफ नहीं हूं, बल्कि व्यवसाय के पक्ष में हूं, लेकिन एकाधिकार और जादू के खिलाफ हूं। कौन सा जादू? 609वें सबसे अमीर से दूसरा सबसे अमीर बनने का जादू? चार क्षेत्रों से 14 क्षेत्रों में व्यवसाय बढ़ाने का जादू? और छह हवाई अड्डे हासिल करने का जादू?

See also  अडानी समूह से जुड़े आठ पब्लिक फंड में से ये छह बंद हुए, सेबी के लिए बढ़ी परेशानी

राहुल गांधी ने दावा किया इस दौर में देश के हवाई अड्डे, बंदरगाह, सड़क, रक्षा बलों, मीडिया, कोयले, बिजली और पूरी सरकार पर पीएम मोदी के मित्र का कब्जा है। एक व्यक्ति जिसके पास हवाई अड्डे संचालित करने का कोई अनुभव नहीं था, उसे देश छह सबसे प्रमुख हवाई अड्डे सौंप दिए गए। आखिर क्या वजह है एक ही व्यक्ति को ये सब दे दिए गए। उन्होंने सवाल किया कि वित्त मंत्रालय और नीति आयोग की आपत्तियों को नजरअंदाज क्यों किया गया? राजस्व मॉडल को क्यों बदला और किसने बदला?

राहुल गांधी ने संसद में दुष्यंत कुमार की रचना की दो पंक्तियों का उल्लेख किए जाने को लेकर भी जवाब दिया। राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने शायद दुष्यंत जी की कविता की ये दो पंक्तियां नहीं पढ़ीं हैं, मैं बेपनाह अंधेरे को सुबह कैसे कहूं, मैं इन नजारों का अंधा तमाशबीन नहीं।

See also  कारोबारी गौतम अडानी की नेटवर्थ में 60 फीसदी गिरावट, पिछले पांच साल में भारत में अरबपतियों की संख्या बढ़ी

गौरतलब है कि राहुल गांधी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए अदानी समूह के संदर्भ में हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट से जुड़े प्रकरण को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल उठाए थे, जिसे बाद में सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया था।

See also  केदारनाथ में प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी, पुर्ननिर्माण कार्यों का किया निरीक्षण
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a comment

Leave a Reply

error: AGRABHARAT.COM Copywrite Content.