भुवनेश्वर: ओडिशा में चक्रवात ‘दाना’ के कमजोर होने के बावजूद तटीय क्षेत्रों में तेज हवा और बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। लगभग 1.75 लाख एकड़ भूमि में लगी फसलों को नुकसान पहुंचा है, और कई गांव जलमग्न हो गए हैं। रेस्क्यू कार्य जारी है। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने प्रभावित क्षेत्रों के लोगों से अगले सात दिनों तक अस्थायी शिविरों में रहने की अपील की है।
बाढ़ की स्थिति
चक्रवात ‘दाना’ के प्रभाव से राज्य के निचले इलाकों में बाढ़ आ गई है। मयूरभंज के सिमलीपाल पर्वतीय क्षेत्रों में हुई भारी बारिश के कारण बुधबलंगा, सोनो और कंसाबंसा नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। इससे बालेश्वर के नीलगिरि क्षेत्र में करीब 20 गांव जलमग्न हो गए हैं।
रेस्क्यू कार्य
ओडीआरएएफ और दमकल विभाग की टीम ने बालेश्वर में दो दिनों से छत पर फंसे तीन लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है। हालांकि, खराब मौसम के कारण मुख्यमंत्री का प्रभावित क्षेत्रों का हवाई दौरा स्थगित करना पड़ा है।
स्कूल बंद
एहतियात के तौर पर बालेश्वर के अलावा भद्रक, मयूरभंज, केंद्रापड़ा और केंदुझर जिलों में स्कूलों को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री की अपील
सीएम मोहन माझी ने कहा है कि जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, प्रभावित क्षेत्रों के लोग अस्थायी शिविरों में रह सकते हैं, जहां उन्हें आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी।
पुनर्वास और नुकसान का आकलन
राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा कि चक्रवात पीड़ितों के पुनर्वास का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। जिलाधीशों से सात दिनों के भीतर सर्वेक्षण रिपोर्ट मांगी गई है, जिसके आधार पर नुकसान और मुआवजे का सटीक आकलन किया जाएगा।
बिजली सेवाएं बहाल
तटीय क्षेत्रों में 22 लाख लोगों की बिजली सेवा बहाल कर दी गई है। संबंधित क्षेत्रों में लगभग 1150 पेड़ गिरने की सूचना मिली थी, जिन्हें दमकल विभाग के कर्मचारियों ने काटकर हटा दिया है।
चक्रवात का प्रभाव बंगाल में
बंगाल में चक्रवात ‘दाना’ के कारण तीन और लोगों की मौत हो गई है, जिससे मरने वालों की संख्या चार हो गई है। कोलकाता और सुंदरवन में बिजली के तार से झटका लगने से दो लोग और हावड़ा में भारी बारिश से जलमग्न सड़क पर गिरने से एक व्यक्ति की जान चली गई।
सांप के काटने की घटनाएं
चक्रवात ‘दाना’ के दौरान सांप के काटने की घटनाओं में 28 लोग अस्पताल में भर्ती हुए हैं। इनमें 13 महिलाएं और एक डॉक्टर शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्पदंश के सर्वाधिक मामले केंद्रपाड़ा, भद्रक और बालासोर से सामने आए हैं।
इस प्रकार, ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति और चक्रवात के प्रभावों को देखते हुए सभी को सावधानी बरतने और सहायता प्रदान करने की आवश्यकता है।