नई दिल्ली/रायपुर: छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को 2000 करोड़ रुपए से ज्यादा के शराब घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी तब हुई जब कवासी लखमा ईडी दफ्तर में पूछताछ के लिए पहुंचे थे। इस मामले में लंबी पूछताछ के बाद आज उन्हें गिरफ्तार किया गया है। गौरतलब है कि जब यह शराब घोटाला सामने आया था, तब कवासी लखमा राज्य के कोंटा विधानसभा सीट से विधायक थे और आबकारी मंत्री के पद पर कार्यरत थे।
ईडी द्वारा तीसरी बार पूछताछ
9 जनवरी को ईडी ने कवासी लखमा से 8 घंटे तक पूछताछ की थी और आज तीसरी बार उन्हें पूछताछ के लिए दफ्तर बुलाया गया था। इससे पहले 28 दिसंबर को भी ईडी ने कवासी लखमा और उनके करीबी रिश्तेदारों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इसके बाद 3 और 9 जनवरी को भी उनकी पूछताछ की गई थी। आज तीसरी बार उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया, और इसी दौरान उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
शराब घोटाले की जांच
ईडी द्वारा की जा रही जांच के मुताबिक, यह घोटाला छत्तीसगढ़ राज्य के आबकारी विभाग में हुए भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है। ईडी ने 2000 करोड़ रुपए के शराब घोटाले की FIR में आरोप लगाया है कि भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी एपी त्रिपाठी, और कारोबारी अनवर ढेबर की ओर से एक अवैध सिंडिकेट का संचालन किया गया, जिसके माध्यम से इस घोटाले को अंजाम दिया गया।
ईडी की जांच में सामने आया है कि 2019 से 2022 तक सरकारी शराब दुकानों से अवैध शराब को डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बेचा गया था, जिससे राज्य सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ। इस मामले में ईडी ने एफआईआर दर्ज कराई है, और इसकी जांच एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) कर रहा है।
क्या है शराब घोटाला?
शराब घोटाले का खुलासा तब हुआ जब ईडी की जांच में यह पाया गया कि कोंटा विधानसभा क्षेत्र समेत अन्य इलाकों में सरकारी शराब दुकानों से बड़े पैमाने पर अवैध शराब बेची जा रही थी। इन शराबों पर डुप्लीकेट होलोग्राम लगाए गए थे, ताकि यह दिख सके कि वे सरकार द्वारा जारी की गई शराब हैं, जबकि असल में ये शराब अवैध थी और इसके जरिए भारी राजस्व का नुकसान किया गया। इस घोटाले की जांच से यह भी सामने आया कि यह सब एक संगठित सिंडिकेट के तहत किया जा रहा था, जिसमें छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ कारोबारी भी शामिल थे।
राजनीतिक हलचल
कवासी लखमा की गिरफ्तारी से छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक नई हलचल मच गई है। लखमा को इस घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया जाना सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है, जबकि विपक्षी दलों ने इसे लेकर सरकार पर गंभीर सवाल उठाए हैं। भाजपा और अन्य विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि यह घोटाला कांग्रेस सरकार की विफलता और भ्रष्टाचार का परिणाम है।
कवासी लखमा पर आरोप
कवासी लखमा पर आरोप है कि उन्होंने अपनी मंत्री पद की शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए शराब के अवैध कारोबार को बढ़ावा दिया। हालांकि, कवासी लखमा ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को नकारा है और उन्हें राजनीतिक साजिश करार दिया है। उनका कहना है कि यह सब उनके खिलाफ एक षड्यंत्र है और उन्होंने कभी भी भ्रष्टाचार में भाग नहीं लिया।
ईडी की कार्रवाई
ईडी की यह कार्रवाई राज्य में बढ़ते भ्रष्टाचार को लेकर सरकार और प्रशासन के लिए एक चेतावनी है। ईडी ने यह साफ कर दिया है कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी जांच जारी रखेगा, और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में छत्तीसगढ़ सरकार के अधिकारियों और अन्य लोगों की भूमिका की जांच अब और भी गंभीर हो गई है, और आगे आने वाले दिनों में इस मामले में और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।