नई दिल्ली, भारत: इस साल का मौसम पूरी तरह से अप्रत्याशित और अजब-गजब हो गया है। सर्दी के मौसम में देश के ज्यादातर हिस्सों में गर्मी ने दस्तक दे दी है, और फरवरी 2025 में तापमान ने पिछले 125 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार, इस बार मई और जून में गर्मी और भी ज्यादा सताएगी, और सर्दी के मौसम में हुई इस अचानक गर्मी ने किसान और आम नागरिक दोनों को चिंता में डाल दिया है।
फरवरी 2025: 125 सालों का रिकॉर्ड टूटा!
मौसम विभाग के अनुसार, फरवरी 2025 देश में अब तक का सबसे गर्म महीना दर्ज किया गया है, जो 1901 में देश में मौसम रिकॉर्ड की शुरुआत के बाद से सबसे गर्म था। फरवरी में औसत तापमान 22.04 डिग्री सेल्सियस रहा, जो कि सामान्य 20.70 डिग्री से 1.34 डिग्री अधिक था। यह तापमान पिछले 125 सालों में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा है। इस असामान्य गर्मी के चलते अब मार्च से मई के बीच भी सामान्य से अधिक गर्मी पड़ने की संभावना जताई जा रही है।
गर्मी की चेतावनी: मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग (IMD) ने पहले ही चेतावनी जारी कर दी है कि इस बार गर्मी सामान्य से ज्यादा पड़ेगी। डीएस पाई, IMD के सीनियर वैज्ञानिक के अनुसार, मार्च से मई तक उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, बंगाल, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, और उत्तर कर्नाटक जैसे राज्यों में अत्यधिक गर्मी पड़ेगी। इसके अलावा, इन राज्यों में लू चलने का भी अनुमान है। इस गर्मी के कारण न सिर्फ आम नागरिकों को परेशानी होगी, बल्कि किसानों के लिए भी यह समय मुश्किलों से भरा रहेगा।
जनवरी 2025 और 2024: सबसे गर्म साल और महीना
जनवरी 2025 का महीना साल 1901 के बाद तीसरा सबसे गर्म महीना रहा। इसके साथ ही, 2024 को भी सबसे गर्म साल घोषित किया गया था। पिछले साल में हुए रिकॉर्ड तापमान ने हर किसी को आश्चर्यचकित कर दिया था। अब फरवरी 2025 ने उस रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया है और गर्मी की सख्ती ने पहले से ही चिंता का माहौल बना दिया है।
कृषि पर पड़ेगा गर्मी का असर
गर्मी का असर सबसे ज्यादा किसानों पर पड़ने वाला है। विशेष रूप से गेहूं और सरसों की फसल को नुकसान होने का खतरा बढ़ गया है। IMD के सीनियर वैज्ञानिक के अनुसार, इस साल फरवरी में बढ़ी गर्मी ने रबी फसल की बुवाई में भी दिक्कतें खड़ी की हैं। जिन राज्यों में बुआई में देरी हुई थी, वहां गर्मी की वजह से उत्पादन में कमी आने का अंदेशा है। हालांकि, कृषि मंत्रालय के विशेषज्ञों के अनुसार, 60 प्रतिशत गेहूं की किस्में गर्मी प्रतिरोधी होती हैं, जिससे किसानों को कुछ राहत मिल सकती है। फिर भी, इस बार की गर्मी की तीव्रता किसानों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है।
गर्मी का रिकॉर्ड: क्यों हो रही है इतनी गर्मी
मौसम के इस बदलाव का कारण ग्लोबल वॉर्मिंग, जलवायु परिवर्तन और अन्य पर्यावरणीय कारक हो सकते हैं। भारत में अब तक का सबसे गर्म फरवरी रिकॉर्ड किया गया है, जो यह बताता है कि जलवायु परिवर्तन का असर अब पूरी तरह से महसूस होने लगा है। इससे पहले, फरवरी का महीना आम तौर पर ठंडा या हल्का गर्म होता था, लेकिन इस बार सर्दी के मौसम में अप्रत्याशित गर्मी ने सभी को चौंका दिया।
क्या कहता है मौसम विभाग
IMD के अनुसार, मार्च से मई तक पूरे देश में सामान्य से ज्यादा गर्मी पड़ने की संभावना है। विशेष रूप से, प्रायद्वीपीय भारत के कुछ सुदूर दक्षिणी क्षेत्रों को छोड़कर, अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहेगा। इसके साथ ही, लू की संभावना भी बनी हुई है, जो लोगों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती है।
देश में गर्मी का बढ़ता खतरा
गर्मी का यह बढ़ता खतरा देश की जलवायु और किसानों के लिए एक गंभीर चेतावनी है। यह समय है जब हमें जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को गंभीरता से लेना होगा और इसके खिलाफ कदम उठाने होंगे। यदि इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए तो यह समस्या और भी गंभीर हो सकती है।