दिल्ली में साधु-संतों ने दिल्ली सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का नेतृत्व दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नारायण गिरि महाराज ने किया।
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार सनातन धर्म के खिलाफ काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने मौलानाओं को पेंशन और वेतन देने का प्रस्ताव पारित किया है, लेकिन साधु-संतों को कोई आर्थिक सहायता नहीं दी जा रही है। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि सरकार ने धार्मिक स्थलों को लेकर भी कई विवादित फैसले लिए हैं।
प्रदर्शनकारियों ने सरकार से मांग की कि वह सनातन धर्म के प्रति अपनी नीतियां बदले और साधु-संतों के साथ न्याय करे। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो वे और भी बड़े आंदोलन शुरू करेंगे।
प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने जमकर नारेबाजी की और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने दिल्ली सरकार के कार्यालयों के बाहर धरना भी दिया।
प्रदर्शन को लेकर दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की, लेकिन वे सफल नहीं हो सके।
प्रदर्शन को लेकर राजनीतिक दलों ने भी प्रतिक्रिया दी। भारतीय जनता पार्टी ने प्रदर्शन का समर्थन किया और सरकार पर हमला बोला। कांग्रेस ने प्रदर्शन को निराधार बताया और कहा कि सरकार सभी धर्मों के प्रति समान है।
प्रदर्शन के बाद दिल्ली सरकार ने साधु-संतों से बातचीत की। सरकार ने आश्वासन दिया कि वह उनकी मांगों पर विचार करेगी।