दुर्ग। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य बघेल के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी की है। यह छापेमारी दुर्ग जिले के भिलाई शहर में स्थित उनके परिसरों पर चल रही है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, ईडी ने शराब घोटाला मामले में चैतन्य बघेल के खिलाफ धन शोधन जांच के तहत यह कार्रवाई की। इस छापेमारी में चैतन्य बघेल के करीबी लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल और अन्य लोगों के ठिकानों पर भी तलाशी ली जा रही है।
ईडी की टीम ने भूपेश बघेल के घर पर कई अहम दस्तावेज जब्त किए हैं, साथ ही 6 मोबाइल फोन और सिम कार्ड भी बरामद किए हैं। एजेंसी अब इन मोबाइल फोन की बातचीत की डिटेल खंगाल रही है। वहीं, जानकारी के अनुसार, बड़ी मात्रा में नकदी भी मिलने की बात सामने आई है। इसके बाद बैंक के अधिकारियों को नोट गिनने की मशीन लेकर पूर्व सीएम के आवास पर पहुंचना पड़ा।
ईडी की टीम करीब सात घंटे से भूपेश बघेल के घर पर कार्रवाई कर रही है। इस दौरान, भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य बघेल से पूछताछ की जा रही है। ईडी की कार्रवाई के बाद, कांग्रेस पार्टी के कई विधायक भूपेश बघेल के निवास पर पहुंच गए और उनके समर्थन में प्रदर्शन किया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पीएम मोदी का पुतला जलाया और ईडी की कार्रवाई के खिलाफ विरोध जताया।
इसके अलावा, कांग्रेस विधायकों ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में भी इस मुद्दे को उठाया और सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर सरकार में कथित भ्रष्टाचार पर सवाल उठाने वालों को निशाना बनाया जा रहा है। इस दौरान, विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने कांग्रेस विधायकों को शून्यकाल में अपने मुद्दे उठाने का निर्देश दिया, लेकिन विधायक नारेबाजी करते रहे और नियमों के उल्लंघन के कारण उन्हें निलंबित कर दिया गया।
ईडी की यह छापेमारी छत्तीसगढ़ में राजनीतिक गर्माहट बढ़ा रही है, जहां कांग्रेस पार्टी इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित और लोकतंत्र की हत्या मान रही है। अब देखना यह होगा कि इस मामले में आगे क्या कदम उठाए जाते हैं और क्या इससे राज्य की राजनीति में और उथल-पुथल होती है।