आदित्य-एल1 मिशन का उद्देश्य सूर्य के वायुमंडल, कोरोना और सौर हवाओं का अध्ययन करना है। यह मिशन सूर्य की गतिविधियों के बारे में और समझ हासिल करने में मदद करेगा, जिससे पृथ्वी पर मौसम और जलवायु परिवर्तन के पूर्वानुमान में सुधार होगा।
आदित्य-एल1 मिशन सूर्य और पृथ्वी के बीच L1 पॉइंट पर स्थित होगा। यह पॉइंट सूर्य और पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बलों के बीच एक संतुलित बिंदु है।
आदित्य-एल1 मिशन में सात वैज्ञानिक उपकरण हैं, जिनका उपयोग सूर्य के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करने के लिए किया जाएगा। इन उपकरणों में से कुछ में शामिल हैं:
- सौर उत्सर्जन में बदलाव को मापने के लिए एक कोरोनाग्राफ
- सौर हवाओं के वेग और तापमान को मापने के लिए एक प्लाज्मा विश्लेषक
- सौर चुंबकीय क्षेत्र को मापने के लिए एक मैग्नेटोमीटर
आदित्य-एल1 मिशन की अवधि चार वर्ष है। इस मिशन के दौरान, मिशन सूर्य के बारे में और अधिक जानकारी एकत्र करेगा, जिससे वैज्ञानिक सूर्य की गतिविधियों और पृथ्वी पर इसके प्रभाव को बेहतर ढंग से समझ सकेंगे।
आदित्य-एल1 मिशन भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह मिशन भारत को सूर्य के अध्ययन में अग्रणी देशों में से एक बना देगा।