केरल: केरल में एक बड़ी ठगी का पर्दाफाश हुआ है, जिसे ‘हाफ-प्राइस स्कैम’ कहा जा रहा है। इस घोटाले में करीब 50 हजार लोगों से 1000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई है। यह स्कैम लोगों को आधी कीमत पर स्कूटी, लैपटॉप, सिलाई मशीन और अन्य घरेलू सामान देने का झांसा देकर किया गया था। इस मामले के मुख्य आरोपी अनंथु कृष्णन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और उसकी टीम के अन्य सदस्यों से भी पूछताछ जारी है।
क्या है हाफ-प्राइस स्कैम?
‘हाफ-प्राइस स्कैम’ एक धोखाधड़ी है, जिसमें लोगों को आधी कीमत में स्कूटी, लैपटॉप, सिलाई मशीन, मिक्सर और अन्य घरेलू सामान देने का लालच दिया गया। आरोपी ने लोगों को विश्वास दिलाया कि यह सामान उन्हें सरकारी योजनाओं और बड़े कंपनियों के सीएसआर फंड से मिल रहा है। इसके तहत अनंथु कृष्णन ने 2022 में ‘नेशनल एनजीओ कन्फेडरेशन (NNC)’ नामक एक संस्था बनाई और इस संगठन के माध्यम से करीब 2,000 एनजीओ को जोड़ा।
इस स्कैम में मिडिल क्लास और निम्न आय वर्ग के लोगों को मुख्य रूप से टारगेट किया गया। उन्हें सस्ते दामों पर सामान प्राप्त करने का आकर्षण दिखाया गया और इसके लिए पैसे जमा करने को कहा गया। खास बात यह थी कि जिन लोगों के पास पैसे नहीं थे, उनसे कर्ज लेकर भी पैसा जमा करवाया गया।
धोखाधड़ी के बारे में जानकारी
इस घोटाले में शामिल लोग बडी़ चालाकी से काम कर रहे थे। शुरूआत में तो लोगों को आधी कीमत पर सामान दिया गया, ताकि उनका विश्वास जीता जा सके और अधिक लोग इस योजना में निवेश करें। अनंथु कृष्णन ने इस योजना को और आकर्षक बनाने के लिए स्थानीय नेताओं और मशहूर हस्तियों को भी कार्यक्रमों में शामिल किया। इन कार्यक्रमों में पुलिस अधिकारियों और पंचायत सदस्यों की भी उपस्थिति रही, जिससे लोगों का विश्वास और भी बढ़ा।
लेकिन जब यह स्कैम बड़े पैमाने पर फैल गया और लोगों को सामान नहीं मिलना शुरू हुआ, तो शिकायतें बढ़ने लगीं। पहले तो इन शिकायतों को नजरअंदाज किया गया, लेकिन बाद में जब मामला गंभीर हो गया और लोग व्हाट्सएप पर सामान न मिलने की शिकायत करने लगे, तो पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।
कैसे हुआ घोटाले का भंडाफोड़?
इस घोटाले का भंडाफोड़ तब हुआ जब अधिक से अधिक लोग सामान न मिलने की शिकायत लेकर पुलिस के पास पहुंचे। इन शिकायतों के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की और यह पता चला कि सभी पैसे सीधे अनंथु कृष्णन के पास जा रहे थे।
घोटाले का मुख्य आरोपी अनंथु कृष्णन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और उसकी गिरफ्तारी के बाद और भी खुलासे हुए। इस मामले में अनंथु कृष्णन के सहयोगियों से भी पूछताछ की जा रही है, ताकि इस बड़े धोखाधड़ी के नेटवर्क को पूरी तरह से उजागर किया जा सके।
कितना बड़ा था घोटाला?
इस धोखाधड़ी के तहत करीब 50 हजार लोगों से लगभग 1000 करोड़ रुपये की ठगी की गई। लोगों ने विश्वास करके अपनी पूरी जमा-पूंजी इस योजना में निवेश कर दी थी, लेकिन उन्हें आधी कीमत पर सामान देने का वादा सिर्फ एक छलावा साबित हुआ।
इस घोटाले ने यह भी उजागर किया है कि कैसे लोगों को लालच देकर उनके पैसे की धोखाधड़ी की जाती है। यह एक बड़ा उदाहरण है कि कैसे असमझदारी और लालच के कारण लोग ठगी का शिकार हो जाते हैं।
क्या कहा पुलिस ने?
पुलिस ने इस पूरे मामले की गंभीरता को समझते हुए त्वरित कार्रवाई की। एसीपी के मुताबिक, “हमने अनंथु कृष्णन को गिरफ्तार किया और इस मामले की पूरी जांच की जा रही है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि इस घोटाले में शामिल हर व्यक्ति को सजा मिले। यह एक बड़ा वित्तीय धोखाधड़ी है और जो भी इसमें लिप्त होगा, उसे सख्त सजा दी जाएगी।”
क्या होगा आगे?
अब पुलिस ने इस मामले में आगे की जांच शुरू कर दी है और जल्द ही इस बड़े घोटाले के और पहलुओं का खुलासा होने की संभावना है। जो लोग इस धोखाधड़ी में फंसे हैं, उन्हें राहत दिलाने के लिए पुलिस कार्यवाही कर रही है। इसके अलावा, प्रशासन ने इस घटना से संबंधित लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न उपायों पर विचार करना शुरू कर दिया है।