जम्मू: जम्मू-कश्मीर के अखनूर में मंगलवार को नियंत्रण रेखा (LoC) के पास हुए एक IED (इम्प्रॉवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) ब्लास्ट में भारतीय सेना के दो अफसर शहीद हो गए। यह घटना मंगलवार दोपहर करीब 3:30 बजे जम्मू जिले के खौर थाने के अंतर्गत केरी बट्टल क्षेत्र में हुई। इस ब्लास्ट में तीन सैनिक घायल हो गए थे, जिनमें से दो की इलाज के दौरान मौत हो गई, जबकि एक की हालत गंभीर बताई जा रही है। इस घटना ने न केवल सैन्य समुदाय को हिला दिया है, बल्कि पूरे देश में शोक की लहर भी पैदा कर दी है।
IED ब्लास्ट का हुआ था हमला
सूत्रों के अनुसार, सेना की टीम के कैप्टन करमजीत सिंह बख्शी के नेतृत्व में इलाके में गश्त कर रही थी, तभी आतंकवादियों द्वारा लगाए गए रिमोट कंट्रोल IED का विस्फोट हुआ। धमाका इतना जोरदार था कि उसमें सेना के दो अफसर शहीद हो गए। इस घटना में एक अन्य सैनिक गंभीर रूप से घायल हुआ, जिसका इलाज अभी भी सेना अस्पताल में चल रहा है।
शहीदों की शादी थी अप्रैल में
इस हादसे ने एक और दुखद पहलू को उजागर किया है। दोनों शहीद अफसरों की शादी की तैयारियाँ जोरों पर थीं। कैप्टन करमजीत सिंह बख्शी, जो झारखंड के निवासी थे, उनकी शादी 18 अप्रैल को एक सेना डॉक्टर से तय थी। वहीं, नायक मुकेश सिंह मन्हास, जो जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले के रहने वाले थे, की सगाई भी एक लड़की से हो चुकी थी और उनकी शादी भी इसी महीने में तय थी। इस घटना ने उनके परिवारों और उनके मित्रों को गहरे शोक में डाल दिया है।
आतंकवादियों द्वारा किया गया था हमला
सूत्रों का कहना है कि आतंकवादियों ने LoC के बाड़ के पास IED लगाकर रिमोट कंट्रोल डिवाइस से विस्फोट किया था। इसके बाद यह आशंका जताई जा रही है कि आतंकवादी नियंत्रण रेखा की बाड़ के पास इस IED को लगाकर पाक अधिकृत जम्मू और कश्मीर (POJK) की ओर भाग गए होंगे। इस हमले की जांच जारी है और इलाके में तलाशी अभियान चलाया गया, लेकिन फिलहाल कुछ भी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त नहीं हुई है।
सेना के अन्य जवानों पर भी हमले की घटनाएँ
यह घटना एक दिन पहले की गई गोलीबारी से भी जुड़ी हुई प्रतीत होती है। सोमवार को राजौरी जिले में LoC पर गोलीबारी की घटना हुई थी, जिसमें सेना का एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गया था। जवान को नौशेरा सेक्टर के कलाल इलाके में तैनात किया गया था, जहां वह गोलीबारी का शिकार हुआ। गोलीबारी नियंत्रण रेखा के पार से की गई थी और जवान को तुरंत सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
पिछली घटनाओं से जोड़ते हुए सुरक्षा तैयारियाँ
इससे पहले 8 फरवरी को केरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पार से आतंकवादियों ने सेना के गश्ती दल पर गोलीबारी की थी, जब वे इस ओर घुसने का प्रयास कर रहे थे। भारतीय सैनिकों ने भी इसका मुंहतोड़ जवाब दिया और इलाके में कड़ी निगरानी रखने के लिए घुसपैठ रोधी ग्रिड को मजबूत किया था।