मुंबई। मौसम विभाग ने इस साल मानसून देर से आने की भविष्यवाणी की है। मौसम विभाग के मुताबिक इस साल मानसून के आने में 15 दिनों की देरी हो सकती है। जबकि पिछले साल मुंबई में मानसून 9 जून को आया था। साथ ही पिछले साल बहुत ज्यादा बारिश हुई लेकिन इस साल महाराष्ट्र के विदर्भ और मराठवाड़ा जैसे क्षेत्रों को एक बार फिर सूखे की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
आने वाले समय के लिए मौसम का यह अनुमान स्काईमेट द्वारा दिया गया है। स्काईमेट मौसम की भविष्यवाणी करने वाली एक निजी संस्था है। स्काईमेट के अनुमान के मुताबिक ना सिर्फ मुंबई और महाराष्ट्र बल्कि देश भर में ऐसी ही स्थिति रहने वाली है।
इस बार केरल में मानसून 1 जून के आसपास ना आकर 4 जून को आएगा। स्काईमेट ने यह साफ कहा कि देश भर में एक तरफ मानसून देर से आने वाला है दूसरी तरफ बारिश भी कम लाने वाला है। इसकी वजह है अल-नीनो।
अल-नीनो के असर से मानसून देश में 5-6 दिन देर से आएगा। चूंकि केरल समेत दक्षिण भारत में मानसून देर से पहुंचेगा इसीलिए यह मुंबई में भी देर से प्रवेश करेगा। मुंबई में मानसून आने में एक हफ्ते की देरी हो सकती है। हालांकि स्काईमेट की ओर से यह भी कहा गया है कि प्री मानसून की बारिश थोड़ी पहले भी हो सकती है लेकिन पूरी तरह से बरसात के मौसम के लिए मुंबईकरों का इंतजार पिछले साल के मुकाबले लंबा होगा।
स्काईमेट के अनुमान के मुताबिक मुंबई में भले ही मानसून देर से आए लेकिन मानसून आने के बाद बारिश अच्छी होगी। जबकि मराठवाड़ा और विदर्भ में ऐसा नहीं होगा. वहां एक बार फिर सूखे की समस्या पैदा हो सकती है. स्काईमेट के इस अनुमान ने एक बार फिर मराठवाड़ा और विदर्भ के किसानों की चिंताएं बढ़ा दी है. स्काईमेट ने मौसम में हो रहे इस बदलाव की वजह अल नीनो इफेक्ट को बताया है.