नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत NCERT ने 9वीं से 12वीं कक्षा के लिए नया सिलेबस तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की है। नई किताबें 2026 से लागू होंगी, छात्रों को ब्रिज कोर्स भी करना होगा।
नई दिल्ली। देश की स्कूली शिक्षा प्रणाली में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने 9वीं से 12वीं कक्षा तक के लिए नया सिलेबस तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह बड़ा कदम नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत उठाया गया है।
नए सिलेबस के अनुरूप नई किताबें तैयार की जा रही हैं, जो 2026-27 शैक्षणिक सत्र से देशभर के स्कूलों में लागू होंगी।
एनसीईआरटी की नई पहल: बदलेंगे पाठ्यक्रम और किताबें
जानकारी के अनुसार, एनसीईआरटी की विशेषज्ञ समिति (Expert Committee) नई नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) के आधार पर नई किताबों पर काम कर रही है।
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कक्षा 9वीं और 11वीं की नई किताबें फरवरी 2026 तक उपलब्ध होंगी।
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कक्षा 10वीं और 12वीं की नई किताबें जुलाई 2026 तक बाजार में आ जाएंगी।
इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद, छात्रों को एक अधिक व्यवहारिक और प्रयोगधर्मी शिक्षा प्रणाली का अनुभव होगा।
नया सिलेबस: रटने के बजाय समझ और गतिविधियों पर फोकस
नए सिलेबस में कंटेंट को काफी हद तक घटाया गया है ताकि छात्रों पर अतिरिक्त बोझ न पड़े।
इसमें छात्रों को गतिविधियों, उदाहरणों, प्रोजेक्ट्स और ग्राफिक्स के माध्यम से सिखाने पर जोर दिया गया है।
उद्देश्य है कि विद्यार्थी केवल रटने के बजाय विषयों की गहरी समझ और व्यावहारिक दृष्टिकोण विकसित करें।
🔄 “ब्रिज कोर्स” से पुराने और नए सिलेबस के बीच बनेगा पुल
नए सिलेबस के लागू होने के बाद, कुछ छात्रों को ब्रिज कोर्स करना अनिवार्य होगा।
यह कोर्स उन विद्यार्थियों के लिए बनाया गया है जो पुराने सिलेबस से पढ़कर अब नए सिलेबस में प्रवेश करेंगे —
जैसे कि 9वीं से 10वीं या 11वीं में जाने वाले छात्र।
➡️ ब्रिज कोर्स की अवधि: 6 सप्ताह
➡️ उद्देश्य: पुराने और नए सिलेबस के बीच की शैक्षणिक खाई को पाटना
इस कोर्स के माध्यम से छात्रों को नए पाठ्यक्रम की अवधारणाओं से परिचित कराया जाएगा ताकि उन्हें आगे की पढ़ाई में कोई कठिनाई न हो।
1वीं से 8वीं तक पहले ही लागू हो चुका है नया सिलेबस
गौरतलब है कि NCERT पहले ही 1वीं से 8वीं कक्षा तक की नई किताबें जारी कर चुका है, जो देशभर के स्कूलों में लागू की जा चुकी हैं।
अब 9वीं से 12वीं तक का बदलाव भारतीय शिक्षा प्रणाली में एक नया अध्याय जोड़ने जा रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह सुधार छात्रों को अधिक रचनात्मक, जिज्ञासु और आत्मनिर्भर बनाएगा।
