नई दिल्ली/मॉस्को: पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना रूस दौरा रद्द कर दिया है। 1 उन्हें 9 मई को मॉस्को में आयोजित होने वाले विजय दिवस समारोह में भाग लेना था और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक भी करनी थी, लेकिन अब यह दौरा स्थगित कर दिया गया है। 1 क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने इस खबर की पुष्टि की है। यह फैसला हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के चलते लिया गया है।
पहलगाम हमले का प्रभाव
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े रुख अपनाए हैं। इस हमले को भारत ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का नतीजा बताया है। इस घटना के बाद, भारत ने न केवल राजनयिक स्तर पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने के प्रयास तेज किए हैं, बल्कि अपनी सैन्य तैयारियों को भी मजबूत किया है। ऐसे में, प्रधानमंत्री मोदी का रूस दौरा रद्द करना भी इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
विजय दिवस समारोह का महत्व
रूस में 9 मई को विजय दिवस समारोह द्वितीय विश्व युद्ध में नाजी जर्मनी पर सोवियत संघ की जीत की याद में मनाया जाता है। यह रूस के लिए एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय उत्सव है और इसमें कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल होते हैं। प्रधानमंत्री मोदी का इस समारोह में भाग लेना भारत और रूस के मजबूत संबंधों का प्रतीक होता।
पुतिन के साथ अहम बैठक रद्द
पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच इस दौरे में एक महत्वपूर्ण बैठक होनी थी। इस बैठक में द्विपक्षीय संबंधों, क्षेत्रीय सुरक्षा और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की जानी थी। रूस भारत का एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है और दोनों देशों के बीच रक्षा, ऊर्जा और व्यापार के क्षेत्र में गहरे संबंध हैं। दौरे के रद्द होने से इस महत्वपूर्ण बैठक को भी स्थगित कर दिया गया है।
भारत-रूस संबंधों पर प्रभाव
इस दौरे के रद्द होने से भारत-रूस संबंधों पर कोई नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है। दोनों देशों के बीच मजबूत रणनीतिक साझेदारी बनी हुई है और भविष्य में भी उच्च स्तरीय वार्ताएं जारी रहने की उम्मीद है। हालांकि, मौजूदा तनावपूर्ण परिस्थितियों में, भारत की प्राथमिकता अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करना है।
भारत की कूटनीतिक रणनीति
पहलगाम हमले के बाद, भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की है। भारत ने आतंकवाद के मुद्दे पर वैश्विक समुदाय से पाकिस्तान पर दबाव बनाने की अपील की है। रूस दौरे का रद्द होना भी भारत की इसी कूटनीतिक रणनीति का हिस्सा है। भारत यह संदेश देना चाहता है कि वह आतंकवाद के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेगा और अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगा।
भविष्य की दिशा
भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय संबंध मजबूत बने रहेंगे और भविष्य में भी उच्च स्तरीय वार्ताएं जारी रहेंगी। हालांकि, मौजूदा परिस्थितियों में, भारत का ध्यान अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देने पर केंद्रित रहेगा। पाकिस्तान के साथ तनाव कम होने के बाद, दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय वार्ताएं फिर से शुरू होने की संभावना है।