देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है. सरकार ने पंजीकरण प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए एक नया, अत्याधुनिक पोर्टल लॉन्च किया है. यह पोर्टल सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (ITDA) द्वारा उच्च सुरक्षा मानकों और तेज प्रोसेसिंग गति के साथ विकसित किया गया है.
पोर्टल की विशेषताएं
ITDA की निदेशक निकिता खंडेलवाल ने बताया कि इस पोर्टल को नेशनल डाटा सेंटर पर होस्ट किया गया है, जो साइबर हमलों से सुरक्षित है. उन्होंने पोर्टल की विशेषताओं के बारे में निम्नलिखित जानकारी दी:
- उच्च सुरक्षा मानक: वेबसाइट को साइबर हमलों से बचाने के लिए नेशनल डाटा सेंटर पर होस्ट किया गया है. सुरक्षा ऑडिट और सोर्स कोड रिव्यू के बाद यह वेबसाइट सभी आधुनिक सुरक्षा मानकों पर खरी उतरी है.
- तेज प्रोसेसिंग गति: पंजीकरण प्रक्रिया को आसान और त्वरित बनाने के लिए वेबसाइट की प्रोसेसिंग स्पीड को उच्च स्तर पर रखा गया है. एक बार में 50 हजार से ज्यादा यूजर अपनी एंट्री दर्ज कर सकेंगे.
- तकनीकी हेल्प डेस्क: वेबसाइट पर पंजीकरण के दौरान किसी भी तकनीकी समस्या को तुरंत हल करने के लिए एक तकनीकी हेल्प डेस्क स्थापित की गई है.
उद्देश्य
ITDA द्वारा विकसित यह पोर्टल नागरिकों को सरल और सुरक्षित पंजीकरण प्रक्रिया प्रदान करेगा, जो समान नागरिक संहिता के प्रभावी क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
UCC लागू होने की संभावित तिथि
उत्तराखंड सरकार यूसीसी को लागू करने की तैयारियों में तेजी से जुटी है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संकेत दिए हैं कि 26 जनवरी 2025 से राज्य में यूसीसी लागू हो सकता है. यदि ऐसा होता है, तो उत्तराखंड इस कानून को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा.
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UCC की पृष्ठभूमि
यूसीसी सदन में पहले ही पारित हो चुका है. इसके बाद राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद राज्य सरकार ने एक बार फिर एक समिति बनाई है, जिसने इस कानून को जमीनी स्तर पर लागू करने की रणनीति तैयार की है. पूर्व आईएएस अधिकारी शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में यूसीसी को पूरी तरह लागू करने की प्रक्रिया चल रही है.
कार्यान्वयन की रणनीति
उम्मीद है कि अगली कैबिनेट बैठक में कुछ संशोधनों के साथ यूसीसी को अंतिम रूप दे दिया जाएगा. शुरुआत में विवाह और लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण किया जाएगा. इसके बाद संपत्ति और उत्तराधिकार से जुड़े मामलों को भी शामिल किया जाएगा. सभी नगर निगमों और नगर परिषदों को कार्यान्वयन एजेंसियां बनाया गया है.