आरएसएस ने महिला आरक्षण की पैरवी की, संसद में लाए जाने की संभावना

Dharmender Singh Malik
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नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने महिला सशक्तिकरण के लिए संसद में महिला आरक्षण विधेयक लाने की पैरवी की है। आरएसएस की अखिल भारतीय समन्वय बैठक में इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक के समापन पर आरएसएस के सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य ने कहा कि महिलाओं को अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए। इसलिए संघ प्रेरित संगठन सभी क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का प्रयास करेंगे।

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत सहित संघ के शीर्ष नेताओं ने बैठक में भाग लिया। बैठक के पहले दिन भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शामिल हुए थे। आरएसएस ने कई क्षेत्रों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी की सराहना की। संघ की शताब्दी योजना के तहत इस विषय पर प्रमुखता से चर्चा की गई।

आरएसएस की यह बैठक मोहन भागवत के भाषण के साथ समाप्त हुई। इसमें संघ से जुड़े 36 संगठनों के 246 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। मनमोहन वैद्य ने कहा कि भारतीय चिंतन में परिवार सबसे छोटी इकाई है। परिवार में महिलाओं की भूमिका सबसे प्रमुख होती है। इसलिए महिलाओं को समाज के हर वर्ग में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए।

आरएसएस की बैठक के बाद राजनीतिक हलचलें तेज हो गईं। कयास लगाए जा रहे हैं कि विशेष सत्र के दौरान नरेंद्र मोदी सरकार नए सिरे से चर्चा के लिए महिला आरक्षण विधेयक ला सकती है। केंद्र सरकार ने 18-22 सितंबर को होने वाले संसद के विशेष सत्र के एजेंडे की घोषणा कर दी है।

हालांकि, इंडिया गठबंधन को इन एजेंडों पर भरोसा नहीं है। गठबंधन का कहना है कि इसे संपूर्ण नहीं माना जाना चाहिए। महिला आरक्षण बिल में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित करने का प्रावधान है। इसे पहली बार 1996 में देवेगौड़ा के नेतृत्व वाली संयुक्त मोर्चा की सरकार द्वारा 81वें संशोधन विधेयक के रूप में संसद के निचले सदन में पेश किया गया था। गठबंधन युग में यह सदन की मंजूरी पाने में विफल रहा। यूपीए शासन के दौरान 2010 में इसे राज्यसभा द्वारा पारित किया गया था।

मुख्य बिंदु:

आरएसएस ने महिला सशक्तिकरण के लिए संसद में महिला आरक्षण विधेयक लाने की पैरवी की है।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत सहित संघ के शीर्ष नेताओं ने इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की।
आरएसएस ने कहा कि महिलाओं को अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए।
केंद्र सरकार ने 18-22 सितंबर को होने वाले संसद के विशेष सत्र के एजेंडे की घोषणा कर दी है।
इंडिया गठबंधन को इन एजेंडों पर भरोसा नहीं है।
महिला आरक्षण बिल में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित करने का प्रावधान है।

आरएसएस की बैठक के बाद महिला आरक्षण बिल को संसद में लाने की संभावना बढ़ गई है। यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जो भारत में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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