नई दिल्ली। भारत के लिए एक गर्व का क्षण सामने आया है, जब मध्य प्रदेश के इंदौर और राजस्थान के उदयपुर शहरों को विश्व के 31 वेटलैंड मान्यता प्राप्त शहरों की सूची में शामिल किया गया है। यूनेस्को के रामसर कन्वेंशन द्वारा वेटलैंड सिटी की मान्यता प्राप्त करने वाले ये दोनों शहर भारत के पहले शहर हैं जिन्हें यह सम्मान प्राप्त हुआ है। यह उपलब्धि न केवल इन शहरों के लिए बल्कि भारत के लिए भी ऐतिहासिक है।
इंदौर और उदयपुर को मिली वेटलैंड मान्यता
इंदौर, जो कि स्वच्छता के क्षेत्र में लगातार सात बार नंबर 1 स्थान पर रहा है, अब एक और बड़ी उपलब्धि हासिल करने में सफल रहा है। इसे विश्व के 31 प्रमुख वेटलैंड मान्यता प्राप्त शहरों में स्थान मिला है। वहीं राजस्थान का उदयपुर, जिसे झीलों की नगरी के नाम से भी जाना जाता है, इस सूची में शामिल हुआ है।
रामसर द्वारा वेटलैंड सिटी का दर्जा मिलने के बाद, दोनों ही शहरों ने प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण, पारिस्थितिकी संतुलन और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ अपनी प्रतिबद्धता को और मजबूत किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने दी शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर इंदौर और उदयपुर को बधाई दी। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “इंदौर और उदयपुर को बधाई! यह मान्यता सतत विकास और प्रकृति और शहरी विकास के बीच सामंजस्य स्थापित करने के प्रति हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाती है। मेरी कामना है कि यह उपलब्धि सभी को हमारे देश में हरियाली, स्वच्छता और अधिक पर्यावरण अनुकूल शहरी स्थान बनाने की दिशा में काम करते रहने के लिए प्रेरित करे।”
प्रधानमंत्री मोदी का यह संदेश इस बात को स्पष्ट करता है कि भारत शहरीकरण के साथ-साथ पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखने के प्रति पूरी तरह समर्पित है।
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने किया ऐलान
केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए सोशल मीडिया पर इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा, “मुझे यह बताते हुए खुशी है कि भारत में पहली बार, मध्य प्रदेश के इंदौर और राजस्थान के उदयपुर दुनिया के 31 वेटलैंड मान्यता प्राप्त शहरों की सूची में शामिल हो गए हैं। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी को एक साथ जोड़ने के दृष्टिकोण का प्रमाण है।”
उन्होंने आगे कहा कि यह उपलब्धि शहरी और ग्रामीण दोनों केंद्रों में पारिस्थितिकी संरक्षण से समझौता किए बिना हमारे शहरी क्षेत्रों के समग्र विकास को प्राथमिकता देने के भारत के दृष्टिकोण का परिणाम है। इसके साथ ही इस पहल से उन शहरों को अंतरराष्ट्रीय पहचान और सकारात्मक ब्रांडिंग का अवसर मिलेगा, जो अपने वेटलैंड्स की महत्ता को समझते हैं और उनका संरक्षण करते हैं।
वेटलैंड्स का संरक्षण और महत्व
वेटलैंड्स, यानी दलदली क्षेत्र, प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। ये जलवायु परिवर्तन, बाढ़, सूखा और अन्य पर्यावरणीय संकटों से निपटने में अहम भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा, ये क्षेत्र जैव विविधता को बनाए रखने में भी मदद करते हैं। इंदौर और उदयपुर को वेटलैंड सिटी के रूप में मान्यता मिलने से यह संदेश जाता है कि देश पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से ले रहा है।