महाराजगंज। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वायरल वीडियो ने महाराजगंज जिले में एक बाघ की क्रूर हत्या का सनसनीखेज मामला उजागर किया है। इस वीडियो में बाघ को कथित रूप से कुछ ग्रामीणों द्वारा अपनी नंगी हथेलियों से गला घोंटकर मारा जाता दिखाया गया। बाघ, जो भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (WPA), 1972 की अनुसूची I के तहत संरक्षित प्रजाति है, की इस बर्बर हत्या ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है।
इस मामले पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए, पशुओं के अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था PETA इंडिया की समर्थक और बॉलीवुड अभिनेत्री रवीना टंडन ने महराजगंज के प्रभागीय वन अधिकारी श्री निरंजन सुरवे, IFS को एक पत्र भेजकर उचित कार्रवाई की मांग की। रवीना ने पत्र में लिखा कि “मानव और वन्यजीवों के बीच संघर्ष को जानवरों को नुकसान पहुंचाकर या मारकर नहीं हल किया जा सकता है। शहरों की योजना में वन्यजीवों की सुरक्षा को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए, और मानवों द्वारा वन्यजीवों के संकुचित आवासों में घुसपैठ को रोका जाना चाहिए।”
रवीना ने यह भी कहा कि “वन विभाग के अधिकारियों के पास ऐसी स्थितियों में मानवता से भरा तरीका अपनाने का एक प्रोटोकॉल होना चाहिए। किसी भी व्यक्ति को अपनी हाथ में कानून नहीं लेने देना चाहिए।”
घटना 3 दिसंबर 2024 को महाराजगंज जिले के चकदाह गांव में हुई थी, जो सोहागी बरवा वन्यजीव अभयारण्य के पास स्थित है। वायरल वीडियो में एक व्यक्ति बाघ को गले में पकड़कर खींचता हुआ दिखाई दे रहा है, जबकि अन्य लोग बाघ के पैरों को पकड़कर उसे जकड़े हुए थे। इस दौरान बाघ ने असमय ही बेहोशी की स्थिति में अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ दिया।
इस घटनाक्रम के बाद PETA इंडिया ने यूपी वन विभाग के साथ मिलकर एक प्रारंभिक अपराध रिपोर्ट (POR) दर्ज करवाने की कोशिश की थी, लेकिन अभी तक आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। POR भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की धारा 9 और 51 के तहत अनाम व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज की गई है। इन धाराओं के तहत जंगली जानवरों का शिकार करना दंडनीय अपराध है, और इसे रोकने के लिए तीन साल से सात साल तक की सजा और ₹25,000 तक का जुर्माना भी हो सकता है।
PETA इंडिया ने कहा है कि “जानवरों को किसी भी तरह से शोषण करने का हमारा कोई हक नहीं है।” उन्होंने वन्यजीवों के प्रति संवेदनशीलता और मानवता की आवश्यकता पर जोर दिया