मनु भाकर, डी गुकेश और हरमनप्रीत को मिला खेल रत्न पुरस्कार, भारतीय खेलों में एक और ऐतिहासिक दिन

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नई दिल्ली: भारत के शीर्ष खेल सम्मान, मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार, इस बार तीन उत्कृष्ट खिलाड़ियों को दिया गया है। इन खिलाड़ियों में निशानेबाज मनु भाकर, शतरंज के विश्व चैंपियन डी गुकेश और भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह शामिल हैं। इन तीनों खिलाड़ियों की असाधारण उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें भारत का सर्वोच्च खेल पुरस्कार दिया गया है।

मनु भाकर को सम्मान का झटका, फिर मिला खेल रत्न

भारत की युवा निशानेबाज मनु भाकर को ओलंपिक में मेडल जीतने वाली खिलाड़ी के रूप में देश में काफी प्रतिष्ठा प्राप्त है। हालांकि, इस साल जब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार के नामों की घोषणा की गई थी, तो उनका नाम इसमें शामिल नहीं था। इससे मनु भाकर और उनके परिवार में निराशा का माहौल था, और मनु के पिता ने खुलकर अपनी निराशा व्यक्त की थी।

फिर, भारी विवाद और सार्वजनिक दबाव के बाद, मनु भाकर को खेल रत्न पुरस्कार से नवाजने का निर्णय लिया गया। यह उनके अथक परिश्रम और देश के लिए प्राप्त किए गए मेडल्स का प्रतिफल है। मनु ने 2018 के युवा ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीता था और 2020 के टोक्यो ओलंपिक में भी शानदार प्रदर्शन किया था।

डी गुकेश ने शतरंज में रचा इतिहास

मनु भाकर के साथ-साथ शतरंज के युवा सितारे डी गुकेश को भी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। डी गुकेश ने हाल ही में शतरंज विश्व कप के फाइनल में चीन के लिन डेन को हराकर ऐतिहासिक जीत हासिल की थी। इस जीत ने उन्हें शतरंज का विश्व चैंपियन बना दिया। गुकेश ने अपने करियर में कई बड़े कीर्तिमान स्थापित किए हैं, और वह भारत के सबसे कम उम्र के शतरंज विश्व चैंपियन बने हैं। उनका यह सम्मान भारत में शतरंज को बढ़ावा देने और युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनता है।

हरमनप्रीत सिंह की कप्तानी में भारतीय हॉकी टीम की ऐतिहासिक सफलता

भारत के हॉकी कप्तान हरमनप्रीत सिंह को भी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। हरमनप्रीत सिंह की कप्तानी में भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन किया और ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। यह भारतीय हॉकी टीम का ओलंपिक में लगातार दूसरा ब्रॉन्ज मेडल था। हरमनप्रीत का नेतृत्व, खेल के प्रति उनका समर्पण और टीम को प्रेरित करने की क्षमता इस पुरस्कार के योग्य बनाती है। उनके नेतृत्व में भारत ने हॉकी के इतिहास में एक नई लहर पैदा की है।

खेल रत्न पुरस्कार और पुरस्कार राशि

मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार भारत में सबसे बड़े खेल सम्मान के रूप में जाना जाता है। इस पुरस्कार के तहत खिलाड़ी को 25 लाख रुपये की राशि, एक ट्रॉफी और एक प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है। पहले यह पुरस्कार राशि 7.5 लाख रुपये थी, लेकिन 2020 में इसे बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दिया गया था। इस पुरस्कार के मिलने से न केवल खिलाड़ियों का हौसला बढ़ता है, बल्कि देश में खेलों के प्रति लोगों का रुझान भी बढ़ता है।

मनु भाकर, डी गुकेश और हरमनप्रीत सिंह को खेल रत्न पुरस्कार मिलना भारतीय खेल जगत के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। इन खिलाड़ियों ने अपने खेलों में असाधारण प्रदर्शन किया है और देश का नाम रोशन किया है। उनके सम्मान से यह साफ है कि भारत खेलों के क्षेत्र में अपनी ताकत को और भी मजबूत कर रहा है और आगामी पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत बन रहा है।

 

 

 

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