सुनील गावस्कर गुस्सा, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी समारोह में नजरअंदाज किया गया

Dharmender Singh Malik
4 Min Read
सुनील गावस्कर गुस्सा, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी समारोह में नजरअंदाज किया गया

ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय टीम को 3-1 से हराकर जीती बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी, लेकिन सुनील गावस्कर हुए नाराज!

नई दिल्ली। हाल ही में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए भारतीय टीम को 3-1 से करारी शिकस्त दी। इस जीत के साथ ही कंगारू टीम ने प्रतिष्ठित बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी अपने नाम की। यह ट्रॉफी भारतीय क्रिकेट दिग्गज सुनील गावस्कर और ऑस्ट्रेलियाई महान क्रिकेटर एलन बॉर्डर के नाम पर रखी गई है, लेकिन ट्रॉफी के वितरण समारोह के दौरान एक घटना ने सबका ध्यान आकर्षित किया।

सीरीज का पांचवां और आखिरी टेस्ट सिडनी में खेला गया, जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने 6 विकेट से जीत हासिल की और सीरीज में अपना दबदबा कायम किया। इसके बाद जीतने वाली टीम को ट्रॉफी सौंपने के लिए प्रेजेंटेशन सेरेमनी आयोजित की गई। हालांकि, इस समारोह के दौरान एक बड़ी चूक हुई, जो भारतीय क्रिकेट के महान खिलाड़ी सुनील गावस्कर को नाराज कर गई।

See also  IND vs AUS Final: प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट बनेगा कौन ? कोहली सहित दस खिलाड़ी दौड़ में शामिल

मैदान पर होते हुए भी सुनील गावस्कर को किया नजरअंदाज

बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का नाम भारतीय क्रिकेट के दिग्गज सुनील गावस्कर और ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी एलन बॉर्डर के नाम पर रखा गया है। सेरेमनी के दौरान जहां बॉर्डर को बुलाया गया और उन्होंने विजेता कप्तान पैट कमिंस को ट्रॉफी सौंपी, वहीं सुनील गावस्कर को नजरअंदाज किया गया। यह सबकुछ मैदान पर होते हुए हुआ, और गावस्कर को समारोह में शामिल होने का कोई अवसर नहीं मिला।

यह घटना गावस्कर के लिए शॉकिंग थी, और उन्होंने इस पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि ट्रॉफी ऑस्ट्रेलिया को दी जा रही थी, लेकिन वह अपने अच्छे दोस्त एलन बॉर्डर के साथ ट्रॉफी देने के मौके पर शामिल होना चाहते थे।

See also  आगरा न्यूज: इंडो बॉडीबिल्डर्स फिटनेस एसोसिएशन द्वारा आगरा में हुआ बॉडीबिल्डिंग प्रतियोगिता का आयोजन

गावस्कर ने कहा, ‘मैं एक भारतीय हूं, इसलिए किया गया नजरअंदाज’

सुनील गावस्कर ने इस घटना पर अपनी नाराजगी को स्पष्ट किया और कहा, “मुझे इससे फर्क नहीं पड़ता कि ट्रॉफी ऑस्ट्रेलिया को दी जा रही थी। उन्होंने बेहतर क्रिकेट खेला और जीत हासिल की। लेकिन मैं सिर्फ इसलिए नजरअंदाज किया गया क्योंकि मैं एक भारतीय हूं। मुझे अपने अच्छे दोस्त एलन बॉर्डर के साथ ट्रॉफी देने में खुशी मिलती। यह बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी है, जो भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों देशों के बीच का एक अहम प्रतीक है।”

See also  भारतीय घुड़सवारी टीम ने 41 साल के इंतजार को खत्म करते हुए एशियाई खेलों में जीता स्वर्ण पदक

उन्होंने आगे कहा कि वह प्रेजेंटेशन सेरेमनी में शामिल होकर और इस ट्रॉफी को ऑस्ट्रेलिया की जीत के प्रतीक के तौर पर अपने दोस्त बॉर्डर के साथ साझा करके प्रसन्न होते।

बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का महत्व

बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 1996-97 से भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीमों के बीच खेली जा रही है। यह ट्रॉफी न केवल दोनों देशों के बीच क्रिकेट की प्रतिस्पर्धा का प्रतीक है, बल्कि यह दोनों देशों के क्रिकेट इतिहास की गहरी साझेदारी का भी प्रतीक है। सुनील गावस्कर और एलन बॉर्डर ने इस ट्रॉफी को प्रतिष्ठित बनाने में अहम भूमिका निभाई है और दोनों ही खिलाड़ी अपने-अपने देशों के महानतम क्रिकेटर्स में शुमार हैं।

See also  धनश्री वर्मा और युजवेंद्र चहल के तलाक की अफवाहें: क्या सचमुच खत्म हो रहा है उनका रिश्ता?
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a comment