6 जून 1992 को हुआ था विवाद
6 जून 1992 को कुम्हेर इलाके में जाट और जाटव समाज के लोगों के बीच आपसी कहासुनी हुई थी। बाद में इस कहासुनी ने एक बड़ा विवाद ले लिया। इस कांड में 16 लोगों की मौत हुई थी। मरने वालों में से 11 लोगों की पहचान हुई थी, जबकि 5 लोगों की पहचान ही नहीं हो सकी थी।
सीबीआई ने की थी जांच
इस मामले की जांच पहले पुलिस ने की, फिर सीबीआई ने की थी। सीबीआई ने 83 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। कोर्ट ने 50 लोगों के खिलाफ सुनवाई की और 9 लोगों को दोषी माना है।
आजीवन कारावास पाने वाले आरोपी
आजीवन कारावास पाने वाले आरोपियों में लख्खो, प्रेम सिंह, मानसिंह, राजवीर, प्रीतम, पारस जैन, चेतन, शिव सिंह और गोपाल शामिल हैं।
फैसले पर प्रतिक्रिया
इस फैसले पर पीड़ित पक्ष के लोगों ने राहत की सांस ली है। उन्होंने कहा कि यह फैसला न्याय की जीत है। वहीं, दोषी पक्ष के लोगों ने फैसले को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि वे इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे।
कांड का इतिहास
6 जून 1992 को कुम्हेर इलाके में जाट और जाटव समाज के लोगों के बीच आपसी कहासुनी हुई थी। बाद में इस कहासुनी ने एक बड़ा विवाद ले लिया। इस कांड में 16 लोगों की मौत हुई थी। मरने वालों में से 11 लोगों की पहचान हुई थी, जबकि 5 लोगों की पहचान ही नहीं हो सकी थी।
इस मामले की जांच पहले पुलिस ने की, फिर सीबीआई ने की थी। सीबीआई ने 83 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। कोर्ट ने 50 लोगों के खिलाफ सुनवाई की और 9 लोगों को दोषी माना है। आजीवन कारावास पाने वाले आरोपियों में लख्खो, प्रेम सिंह, मानसिंह, राजवीर, प्रीतम, पारस जैन, चेतन, शिव सिंह और गोपाल शामिल हैं।