भोपाल के रक्षम का खाटूश्याम में अपहरण: मां का रो-रोकर बुरा हाल, पुलिस की 5 टीमें तलाश में जुटीं

Sumit Garg
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भोपाल के रक्षम का खाटूश्याम में अपहरण: मां का रो-रोकर बुरा हाल, पुलिस की 5 टीमें तलाश में जुटीं

सुल्तानपुर/भोपाल, मध्य प्रदेश। मध्य प्रदेश के भोपाल से खाटूश्याम (राजस्थान) दर्शन के लिए गए एक परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। ऐशबाग थाना क्षेत्र के पुष्पा नगर, महामाई का बाग में रहने वाले तीन साल के मासूम रक्षम का खाटूश्याम मंदिर परिसर से अपहरण कर लिया गया है। इस घटना के बाद से रक्षम की मां ललिता जाटव (28) और पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है।

“मेरा तो सबकुछ लुट गया, बस बच्चा सही-सलामत मिल जाए”

रक्षम की मां ललिता जाटव (28) पति अजय जाटव ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा, “पता नहीं मेरा रक्षम किस हाल में होगा। कभी मुझसे घंटे भर भी दूर नहीं रहा। दो दिन बीत चुके हैं, लेकिन वह मुझसे दूर है। मेरा तो सबकुछ लुट गया। मेरा बेटा कैसा होगा, किस हाल में होगा। भगवान बस मुझे उससे जल्द से जल्द मिला दे। बस मेरा बच्चा सही-सलामत मिल जाए और कुछ नहीं चाहिए।”

ललिता ने बताया कि वे गरीब लोग हैं। बच्चे के अपहरण के बाद से पूरा परिवार तीन दिन से किराए के कमरे में होटल में ठहरा हुआ है। पुलिस सिर्फ आश्वासन दे रही है, लेकिन बच्चे का कोई सुराग नहीं मिला है।

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इकलौता बेटा, 3 बेटियों के बाद हुआ था जन्म

ललिता ने बताया कि उनके पति अजय मिस्त्री का काम करते हैं और बहुत शराब पीते हैं, जिससे परिवार में आर्थिक तंगी के हालात हैं। वह खुद होटल में खाना बनाने का काम करती हैं, लेकिन उनकी और पति की कमाई से भी परिवार का गुजारा मुश्किल होता है।

उन्होंने भावुक होकर बताया कि तीन बेटियों के बाद कई मंदिरों में मान-मन्नत करने के बाद बेटे रक्षम का जन्म हुआ था। वह सबसे छोटा और पूरे परिवार का लाड़ला है। ललिता कहती हैं, “मेरा तो पूरा जीवन संघर्ष में बीत रहा है। लेकिन बच्चों के बेहतर भविष्य की चाह में बेटियों को अच्छे स्कूलों में पढ़ा रही हूं। बेटे को भी बहुत कामयाब होता देखना चाहती हूं। पति शराब छोड़ दें। परिवार से आर्थिक तंगी दूर हो और बच्चे आने वाले समय में कामयाब रहें, स्वस्थ रहें, इन तमाम मुरादों के साथ कई दिनों से खाटूश्याम जाने की इच्छा थी।” मां के राजी होने पर वे एकादशी पर दर्शन के लिए 6 जून शुक्रवार को भोपाल से खाटूश्याम के लिए रवाना हुए और 7 जून को वहां पहुंचे।

नानी के अनुभव: अनजान युवक पर भरोसा पड़ा भारी

नानी आशा अहिरवार ने बताया कि जयपुर स्टेशन के बाहर उन्होंने पुलिस से सिंधी कैंप का पता पूछा। तभी वहां एक अनजान युवक आया। उसने पूछा कि दीदी क्या आप लोग खाटूश्याम जी पहली बार जा रहे हैं। आशा ने हां में जवाब दिया। इसके बाद वह युवक भी उनके साथ चलने लगा। सिंधी कैंप से खाटू श्याम के लिए रवाना हुए। 7 जून की सुबह वहां पहुंचे।

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वहां पहुंचने के बाद शासकीय सुलभ कॉम्प्लेक्स में फ्रेश होने गए। इस दौरान आरोपी उनके आसपास ही रहा और वहीं नहाया भी। जब ललिता, आशा और रक्षम तैयार हो चुके थे, तब आरोपी बोला कि “मैं तो हर ग्यारस को यहां आता हूं। आपको मैं घुमा देता हूं। मंदिर की पूरी परिक्रमा में वह साथ रहा। खाटूश्याम जी के एंट्री गेट पर पहुंचते ही आरोपी बोला कि आप लोग दर्शन कर आओ। मैं यहां आता रहता हूं। अंदर समय लगेगा। बच्चा बीमार है। इसे मेरे पास ही छोड़ जाओ।”

सीसीटीवी फुटेज और पुलिस जांच

पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर सीसीटीवी फुटेज चेक किए। उसमें आरोपी कैद हो गया। वह लगातार घूमता-फिरता रहा। परिवार के अंदर जाने के बाद वह करीब डेढ़ घंटे तक वहीं आसपास रहा जहां बच्चे को छोड़ा था। लेकिन इसके बाद वह बच्चे को लेकर चला गया।

आशा अहिरवार ने कहा, “हमें पता नहीं था हमारे साथ इतना बड़ा विश्वासघात हो जाएगा। युवक लगातार अपनापन जता रहा था। उसने बच्चे की देखभाल भी की। कम समय में ही रक्षम की भी उससे दोस्ती हो गई थी। भरोसा कर रक्षम को छोड़ने की गलती की।”

सफर के दौरान बुखार और विश्वास जीतने का मौका

बताया जा रहा है कि ट्रेन में सफर के दौरान भीलवाड़ा में रक्षम को तेज बुखार आ गया था। मां ललिता ने उसे बुखार की दवा दी तो उसे उल्टियां होने लगीं। इससे बच्चा लगातार मां की गोद में रहा। ललिता थक चुकी थीं। इसी बीच अनजान युवक का जब उन्हें साथ मिला तो उन्होंने उस पर भरोसा किया और बच्चे को उसकी गोद में दिया। इसी का फायदा उठाकर आरोपी ने चंद घंटों में बच्चे की मां और नानी का विश्वास जीता और मौका मिलते ही उसे लेकर भाग निकला।

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पुलिस जांच में सामने आया है कि किडनैपर बच्चे को एक दुकान पर ले गया, जहां उसे फ्रूटी पिलाई। वह पुलिस थाने के आसपास भी घूमा। फिर कहीं गायब हो गया। खाटूश्यामजी थाने के एसएचओ पवन चौबे ने बताया कि आरोपी की तलाश में दो टीमें जुटी हैं। फिलहाल उसका कोई सुराग नहीं मिला है। बच्चे को तलाशने के लिए पूरी ताकत से कोशिश की जा रही है। जल्द उसे बरामद कर लिया जाएगा। सीकर पुलिस की पांच टीमें बच्चे की तलाश में जुटी हैं, जिनमें से एक टीम मथुरा-वृंदावन, एक जयपुर और तीन टीमें खाटूश्याम के आस-पास तलाश कर रही हैं।

 

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प्रभारी-दैनिक अग्रभारत समाचार पत्र (आगरा देहात)
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