लखनऊ | उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास (सीएम हाउस) और उसके आसपास की सुरक्षा को और मजबूत किया जा रहा है। इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री आवास की सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए लगभग 21 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है। इसके तहत सुरक्षा उपकरणों के अलावा, विभिन्न उपायों को लागू किया जाएगा, जिससे सीएम हाउस की सुरक्षा व्यवस्था और अधिक कड़ी हो सकेगी।
हाईटेक सुरक्षा उपकरणों का होगा इस्तेमाल
सीएम हाउस के आसपास सुरक्षा बढ़ाने के लिए विभिन्न हाईटेक उपकरणों का इस्तेमाल किया जाएगा, जिनमें बूम बैरियर, टायर किलर, शैलो रोड ब्लॉकर और बैरियर लिफ्ट सिस्टम जैसे सुरक्षा उपकरण शामिल हैं। ये उपकरण खास तौर पर किसी भी संदिग्ध गतिविधि या आपातकालीन स्थिति में तुरंत सक्रिय हो सकेंगे और किसी भी अनधिकृत वाहन को सीएम हाउस की तरफ प्रवेश करने से रोकने में सक्षम होंगे।
गृह विभाग ने जारी किया बजट
उत्तर प्रदेश के गृह विभाग ने इस सुरक्षा उपायों के लिए बजट जारी कर दिया है, जिसे सीएम हाउस और आसपास के क्षेत्र की सुरक्षा को सुदृढ़ बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। अधिकारियों का मानना है कि इस तरह के सुरक्षा उपकरण सीएम हाउस की सुरक्षा को और भी प्रभावी बनाएंगे और किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए तैयार रहेंगे।
चेक प्वाइंट्स और हाईटेक निरीक्षण
सीएम आवास की सुरक्षा को और चाक-चौबंद करने के लिए एंट्री और एग्जिट प्वाइंट्स पर विशेष चेक पोस्ट भी बनाए जाएंगे। इन चेक प्वाइंट्स पर हाईटेक उपकरण लगाए जाएंगे, जिनकी मदद से हर वाहन और व्यक्ति की सघन जांच की जाएगी। इन चेक प्वाइंट्स पर प्रवेश और निकासी को नियंत्रित करने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा, जिससे कोई भी संदिग्ध तत्व सीएम हाउस तक न पहुँच सके।
सीसीटीवी और कंट्रोल रूम का नेटवर्क होगा मजबूत
सीएम हाउस के आसपास की सड़कों की सुरक्षा भी बढ़ाई जाएगी। इन सड़कों पर सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी और हर गतिविधि पर 24 घंटे निगरानी रखने के लिए कंट्रोल रूम को हाईटेक बनाया जाएगा। इस कंट्रोल रूम के माध्यम से हर गतिविधि की जानकारी तुरंत अधिकारियों तक पहुंचाई जाएगी, जिससे किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई की जा सकेगी।
सुरक्षा में और भी हो सकती है सख्ती
रिपोर्ट्स के अनुसार, सीएम आवास की सुरक्षा के लिए यह कदम मुख्यमंत्री की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए उठाए गए हैं। इस कड़ी सुरक्षा व्यवस्था का उद्देश्य न केवल मुख्यमंत्री की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, बल्कि राज्य की राजनीतिक स्थिरता और प्रशासनिक सुरक्षा को भी और मजबूत करना है। इसके अलावा, सुरक्षा उपायों के तहत अधिकारियों द्वारा और भी कड़े कदम उठाए जा सकते हैं, जैसे कि सड़कों पर विशेष सुरक्षा गार्ड्स की तैनाती और इंटेलिजेंस जानकारी के आधार पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों की नियुक्ति।