होली महोत्सव: 20 से 24 मार्च तक
बांकेबिहारी मंदिर में 20 मार्च से 24 मार्च तक पांच दिवसीय होली महोत्सव का आयोजन होगा। इन पांच दिनों में, देश-विदेश से लाखों भक्त रंगों की बरसात में सराबोर होने के लिए मंदिर में डेरा डालेंगे।
ब्रजमंडल में चढ़ने लगा फाग का रंग
फाल्गुन का महीना शुरू होते ही ब्रज में फाग का रंग चढ़ने लगा है। लोग होली की तैयारियों में जुट गए हैं। मंदिरों में भी उड़ते गुलाल में श्रद्धालु सराबोर होकर होली के रसिया गायन पर जमकर नृत्य कर रहे हैं।
एकादशी से शुरू होगा रंगों का उत्सव
ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के सेवायत आचार्य प्रहलाद बल्लभ गोस्वामी ने बताया कि फाल्गुन मास में शुक्ल पक्ष की एकादशी से पूर्णिमा की रात्रि तक लगातार पांच दिन स्वामी हरिदास के आराध्य ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में रंगीली होली का आयोजन होगा। छठे दिन धुल्हेंडी को डोलोत्सव का आयोजन होगा।
रंगों का होगा अद्भुत संगम
20 मार्च रंगभरनी एकादशी से आरंभ होकर 24 मार्च पूर्णिमा की रात तक मंदिर में सुबह से शाम तक होली का रंग बरसेगा। होली में गुलाल, अबीर, टेसू के फूल का रंग, चोवा, चंदन, इत्र, अरगजा, केसर, गुलाब जल, केवड़ा का प्रयोग होगा।
ठाकुर बांकेबिहारी के कृपारूपी रंग की बूंदों के लिए लालायित रहते हैं भक्त
ठाकुर बांकेबिहारी के गर्भगृह से बरसते हुए कृपारूपी रंग की एक-एक बूंद के लिए श्रद्धालु लालायित रहते हैं। मान्यता है कि इस टेसू के गुनगुने रंग में भीगने से त्वचा संबंधित परेशानियां नहीं होतीं और चर्मरोग सही हो जाते हैं।
रंगभरनी एकादशी से होगा शुभारंभ
आचार्य प्रहलाद बल्लभ गोस्वामी ने बताया कि आनंद का पर्व होली महोत्सव का शुभारंभ रंगभरनी एकादशी पर ठाकुरजी का श्वेत धवल पोशाक धारण कर दिव्य श्रृंगार किया जाएगा और उन्हें मंदिर के जगमोहन में स्वर्ण सिंहासन पर विराजमान कराया जाएगा।
सिंहासन के समीप ही ललिताजी, विशाखाजी, चित्राजी, रंगदेवी नामक सखियों के मध्य ठाकुरजी विराजमान होकर भक्तों संग रंगों की होली होगी। ठाकुरजी को हर दिन चाट, ठंडाई, गर्म जलेबी का भोग अर्पित होगा।
आइए, आप भी इस रंगीली होली में भाग लें और ठाकुर बांकेबिहारी के कृपारूपी रंगों में सराबोर होकर आनंद का अनुभव करें।