एटा। जब पूरा देश यातायात माह के दौरान सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता फैलाने की कोशिश कर रहा है, वहीं एटा के एटा-अलीगंज मार्ग पर नियमों की खुलकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। इस मार्ग पर रोडवेज की बसें तेज रफ्तार से फर्राटा भरती नजर आ रही हैं, जिससे न केवल यात्री बल्कि पैदल चलने वाले लोग भी खतरे में हैं। सड़क सुरक्षा के तमाम प्रयासों के बावजूद इस रूट पर ओवरस्पीडिंग और गलत तरीके से बस चलाने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जो गंभीर दुर्घटनाओं का कारण बन सकती हैं।
यातायात माह का उद्देश्य कहीं न कहीं विफल
यातायात माह का मुख्य उद्देश्य सड़क सुरक्षा को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाना और दुर्घटनाओं को कम करना है, लेकिन एटा-अलीगंज मार्ग पर इसका प्रभाव न के बराबर है। इस मार्ग पर रोडवेज बसें न केवल तेज रफ्तार से चल रही हैं, बल्कि कई बार गलत ओवरटेकिंग और खतरनाक ड्राइविंग की घटनाएं सामने आई हैं। यात्रियों का कहना है कि ड्राइवरों की लापरवाही के कारण उनकी सुरक्षा खतरे में पड़ रही है, और खासकर स्कूल-कॉलेज जाने वाले छात्र और दफ्तर जाने वाले कर्मचारी इस समस्या का सबसे ज्यादा सामना कर रहे हैं।
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यात्रियों का आरोप: ड्राइवरों की लापरवाही
स्थानीय यात्रियों ने बताया कि बसों के ड्राइवर स्पीड लिमिट की पूरी तरह से अनदेखी कर रहे हैं, जिससे सड़क पर जान-माल का खतरा बढ़ गया है। तेज रफ्तार में चलने के कारण कई बार बसें ब्रेक लगने से पहले ही मुड़ जाती हैं, जिससे यात्रियों के बीच अफरातफरी मच जाती है। इसके अलावा, बसों में सुरक्षा उपकरणों की कमी भी महसूस हो रही है, जैसे कि सीट बेल्ट और आपातकालीन खिड़कियां, जिनसे सुरक्षा की स्थिति और भी कमजोर हो जाती है।
सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों की चेतावनी
सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि सड़क पर तेज रफ्तार से चलना और यातायात नियमों की अनदेखी ही प्रमुख दुर्घटनाओं का कारण बनती है। विशेषज्ञों का कहना है कि यातायात माह के दौरान नियमों के पालन पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए और अगर इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए तो दुर्घटनाओं का सिलसिला जारी रहेगा।
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स्थानीय प्रशासन और परिवहन विभाग पर सवाल
स्थानीय प्रशासन और परिवहन विभाग द्वारा इस मामले में अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। यातायात माह के दौरान जब सभी प्रशासनिक अधिकारी और विभागीय कर्मचारी सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता फैलाने के प्रयासों में लगे हैं, तब इस प्रकार की घटनाएं जनता की सुरक्षा पर सवाल उठाती हैं। प्रशासन से यह उम्मीद की जा रही है कि वह इस मामले में जल्द ही कार्रवाई करेगा और तेज रफ्तार से चल रही बसों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।