प्रयागराज। मथुरा से बीजेपी सांसद और बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री हेमा मालिनी ने प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में हिस्सा लिया और इस दौरान उन्होंने सनातन धर्म की अहमियत पर अपने विचार रखे। सोमवार को आयोजित सनातन धर्म संसद में हेमा मालिनी ने खासतौर पर सनातन धर्म की रक्षा पर जोर दिया और उसे भारतीय संस्कृति की आत्मा बताते हुए उसके बिना भारतीय अस्तित्व को अधूरा बताया।
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हेमा मालिनी ने कहा, “महाकुंभ का आयोजन बहुत ही शानदार तरीके से किया गया है, और मुझे यहां आकर गंगा स्नान करने का अवसर मिला है।” उन्होंने सनातन धर्म की रक्षा के लिए एक सनातन बोर्ड बनाने की जरूरत पर भी बल दिया और इसे भारतीय संस्कृति की सुरक्षा के लिए आवश्यक बताया।
सनातन धर्म पर बोलते हुए बीजेपी सांसद ने क्या कहा?
धर्म संसद में हेमा मालिनी ने सनातन धर्म पर बढ़ते हमलों के बारे में चिंता जताते हुए कहा, “आजकल कुछ अज्ञानी लोग हैं जो हमारे सनातन के बारे में अपशब्द बोलते हैं। वे सनातन धर्म को गलत तरीके से पेश करते हैं। बांगलादेश में हाल ही में जो हुआ, वह बिल्कुल गलत था। यह सभी को समझने की जरूरत है कि सनातन धर्म हमारे अस्तित्व का आधार है।”
हेमा मालिनी ने अपनी बात को और स्पष्ट करते हुए कहा, “सनातन के बिना न तो संसार का अस्तित्व है, न मानवता का और न ही भारतीय राष्ट्र का। यह धर्म सभी का स्वागत करता है, और किसी से विरोध नहीं करता है। क्या मुस्लिम और ईसाई धर्म ऐसा करते हैं? नहीं, ऐसा नहीं होता। सनातन धर्म में हर किसी के लिए जगह है, लेकिन आज हमारे मंदिरों पर अत्याचार हो रहे हैं, गोशालों में व्यवधान डाले जा रहे हैं। हमें अपनी आने वाली पीढ़ी को यह समझाना होगा कि सनातन धर्म क्या है।”
उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण का संदर्भ देते हुए कहा, “भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि जब-जब धर्म का नाश होता है, तब वह प्रकट होते हैं। आज हमारे धर्म की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है।”
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आने वाले समय में प्रधानमंत्री से चर्चा की संभावना
हेमा मालिनी ने यह भी कहा कि बीजेपी सरकार से सनातन धर्म की रक्षा के लिए जल्द ही एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाएगा। देवकीनंदन ठाकुर ने कहा, “हमने सनातनी हिंदू बोर्ड एक्ट का प्रस्ताव तैयार किया है, और यहां उपस्थित सभी धार्मिक नेताओं ने इस पर सहमति जताई है। इस प्रस्ताव को हम भारत सरकार को भेजेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस पर चर्चा करने के लिए समय मांगेंगे। हमारा विश्वास है कि यदि वक्फ बोर्ड जैसे संगठन होते हैं, तो सनातन धर्म के संरक्षण के लिए भी सरकार एक सनातन बोर्ड का गठन करेगी।”
हेमा मालिनी का यह बयान भारतीय समाज में बढ़ते सांस्कृतिक और धार्मिक संकट को लेकर एक महत्वपूर्ण संकेत है। उनके अनुसार, सनातन धर्म भारतीय संस्कृति की आधारशिला है और इसे बचाने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। सनातन धर्म की रक्षा और इसे सशक्त बनाने के लिए सरकार से सकारात्मक कदम उठाने की उम्मीद जताई गई है।
यह बयान न केवल सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए प्रेरणास्त्रोत है, बल्कि यह भारतीय समाज के प्रत्येक वर्ग को यह समझाने का प्रयास करता है कि सनातन धर्म की रक्षा हमारे राष्ट्रीय अस्तित्व की रक्षा के बराबर है।