महाकाल के आंगन में प्रदोषकाल में होगा होलिका दहन, 14 मार्च को भस्मारती में हर्बल गुलाल से होगी होली

Gaurangini Chaudhary
Gaurangini Chaudhary - Content writer
5 Min Read

उज्जैन, मध्य प्रदेश: देशभर में प्रसिद्ध महाकाल ज्योतिर्लिंग मंदिर में इस बार होली का उत्सव विशेष रूप से भव्य और शास्त्र सम्मत तरीके से मनाया जाएगा। 13 मार्च को महाकाल के आंगन में प्रदोषकाल में होलिका दहन किया जाएगा, जबकि 14 मार्च को धुलेंडी के दिन भस्म आरती के दौरान भगवान महाकाल के साथ हर्बल गुलाल से होली खेली जाएगी। इस बार होली उत्सव को लेकर मंदिर समिति और स्थानीय प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं, ताकि यह आयोजन श्रद्धालुओं के लिए यादगार बन सके।

महाकाल मंदिर में विशेष होली उत्सव

महाकाल ज्योतिर्लिंग की पूजा और वहाँ का होली उत्सव हमेशा से विशेष महत्व रखता है। हर साल हजारों की संख्या में भक्त राजा महाकाल की होली देखने आते हैं और इस साल भी यह उत्सव शानदार तरीके से मनाया जाएगा। 13 मार्च को संध्या आरती के बाद प्रदोषकाल में होलिका पूजन किया जाएगा, जिसके बाद होलिका का दहन होगा।

See also  झांसी: पाक्सो, एनडीपीएस, हत्या, डकैती जैसे मामलों में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करें: जिलाधिकारी

महाकाल मंदिर परिसर के ओंकरेश्वर मंदिर के सामने पुजारी और पुरोहित परिवार द्वारा होलिका का निर्माण किया जाएगा। शाम 7.30 बजे भगवान महाकाल की संध्या आरती के बाद वैदिक मंत्रोच्चार के साथ होलिका पूजन किया जाएगा और फिर होलिका दहन होगा। यह आयोजन खासतौर पर भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा।

14 मार्च को भस्म आरती में हर्बल गुलाल से होली

14 मार्च को धुलेंडी के दिन सुबह तड़के 4 बजे भस्म आरती में भगवान महाकाल के साथ हर्बल गुलाल से होली खेली जाएगी। इस बार मंदिर समिति द्वारा प्राकृतिक हर्बल गुलाल उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि यह उत्सव पर्यावरण के अनुकूल हो। हर्बल गुलाल का उपयोग विशेष रूप से मंदिर के पुजारियों के द्वारा किया जाएगा, जो महाकाल के साथ रंगों का यह पर्व मनाएंगे।

मंदिर समिति के द्वारा तैयार हर्बल गुलाल पूरी तरह से प्राकृतिक उत्पादों से बना होगा, ताकि किसी भी प्रकार का प्रदूषण न हो। मंदिर प्रशासन ने इस बार गुलाल का उपयोग विशेष रूप से भक्तों के स्वास्थ्य और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए किया है।

शास्त्र सम्मत है 13 मार्च को होली मनाना

ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला ने बताया कि 13 मार्च को होली मनाना शास्त्र सम्मत है। वे बताते हैं कि 13 मार्च को सुबह 10 बजकर 20 मिनट तक चतुर्दशी तिथि रहेगी, इसके बाद पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र और सिंह राशि के चंद्रमा की साक्षी में पूर्णिमा तिथि का आगमन होगा, जो प्रदोषकाल में पूरी तरह से विद्यमान रहेगी। धर्मशास्त्रों में प्रदोषकाल में होलिका का पूजन करने का महत्व बताया गया है, इसलिए इस दिन प्रदोषकाल में होलिका का पूजन करना शुभ रहेगा।

See also  घिरोर में रोजगार मेले का आयोजन, लेकिन अधिकांश युवाओं को जानकारी नहीं

इसके अलावा, 13 मार्च की रात को पाताल वासिनी भद्रा का संयोग भी रहेगा, जो होलिका दहन के लिए शुभ माना जाता है। इसलिए इस दिन होलिका का दहन रात 11.30 बजे के बाद करना अत्यंत लाभकारी रहेगा। शास्त्रों के अनुसार, आम तौर पर होलिका दहन अगले दिन सुबह 5 बजे ब्रह्म मुहूर्त में किया जाता है, लेकिन 13 और 14 मार्च की तिथि इस पर्व को शास्त्रों के अनुसार मनाने के लिए सर्वोत्तम है।

सिंहपुरी में पांच हजार कंडों से बनेगी हर्बल होली

सिंहपुरी में इस बार विशेष आयोजन किया जाएगा, जिसमें गाय के गोबर से बने पांच हजार कंडों से हर्बल होली बनाई जाएगी। आयोजन समिति का दावा है कि यह होली का विश्व का सबसे बड़ा हर्बल आयोजन होगा। इसमें केवल गाय के गोबर से बने कंडों का उपयोग होगा और लकड़ी का बिल्कुल भी इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।

See also  राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का निधन: अयोध्या में शोक की लहर

13 मार्च को प्रदोष काल में इस हर्बल होली का आयोजन किया जाएगा। शाम को चार वेद के ब्राह्मण चतुर्वेद पारायण के साथ होलिका पूजन करेंगे और रात्रि जागरण के बाद अगले दिन ब्रह्म मुहूर्त में होलिका का दहन किया जाएगा।

होलिका दहन की परंपरा

होलिका दहन की परंपरा भारतीय संस्कृति में बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसे बुराई पर अच्छाई की विजय के रूप में देखा जाता है। महाकाल मंदिर में प्रदोषकाल में होलिका पूजन और दहन विशेष महत्व रखता है। इस दिन पूरे महाकाल मंदिर परिसर में श्रद्धालु और भक्त भक्ति भाव से इस आयोजन का हिस्सा बनेंगे और महाकाल के आशीर्वाद से अपनी मनोकामनाएं पूरी करने की कामना करेंगे।

See also  उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महाविद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए स्मार्टफोन वितरण कार्यक्रम
Share This Article
Content writer
Follow:
Passionate about storytelling and journalism. I provide well-researched, insightful and engaging content here.
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement