यह मामला 11 सितंबर 2024 को दायर किया गया था, जब कंगना रनौत के खिलाफ आरोप लगाए गए थे कि उन्होंने देश के किसानों का अपमान किया, उन्हें “अलगाववादी हत्यारा बलात्कारी” कहा, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान किया, और 1947 की आजादी को महात्मा गांधी के “भीख के कटोरे” से मिली बताया। इसके अलावा, कंगना ने देश के सैकड़ों क्रांतिकारियों और स्वतंत्रता सेनानियों का भी अपमान किया था।
राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा एडवोकेट ने यह मामला अदालत में दायर किया था। कोर्ट ने बादी अधिवक्ता के बयानों के आधार पर गवाहों के बयान दर्ज किए और कंगना को उनके दिल्ली और कुल्लू मनाली के पते पर 12 अक्टूबर 2024 को नोटिस भेजे थे, जो कंगना को प्राप्त हो गए थे। बावजूद इसके, कंगना कोर्ट में उपस्थित नहीं हुईं। इसके बाद, कोर्ट ने उन्हें फिर से नोटिस भेजकर निर्देशित किया कि वे स्वयं या अपने अधिवक्ता के माध्यम से कोर्ट में हाजिर होकर अपना पक्ष रखें।
कंगना द्वारा हाजिर न होने पर, कोर्ट ने उन्हें तीसरी बार मौके का अवसर दिया और आदेश जारी किया कि कंगना कोर्ट में उपस्थित हो। लेकिन कंगना ने फिर भी कोर्ट में हाजिरी नहीं दी। 18 दिसंबर 2024 को, बादी अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा एडवोकेट ने कोर्ट में अपनी लिखित बहस और तमाम सबूत दाखिल किए थे। आज की नियत तिथि पर भी कंगना और उनका कोई अधिवक्ता कोर्ट में उपस्थित नहीं हुआ।
अब, कोर्ट ने बहस सुनने के बाद मामले पर आदेश के लिए 9 जनवरी 2024 की तिथि तय की है। इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता दुर्ग विजय सिंह, भैया रामदत्त दिवाकर, बी एस फौजदार, राकेश नौहवार सहित दर्जनों अधिवक्ताओं ने अपनी बहस प्रस्तुत की। कोर्ट ने इस मामले में कंगना को तलब करने के आदेश के लिए 9 जनवरी 2024 की तिथि निश्चित कर दी है।