मथुरा: वर्ष 2017 में मथुरा के छत्ता बाजार में हुए दोहरे हत्याकांड और डकैती के मामले में विशेष न्यायालय ने गुरुवार को फैसला सुनाते हुए 7 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। बाकी दो आरोपियों को 10-10 साल की सजा हुई है।
यह मामला 15 मई, 2017 को हुआ था जब रंगा और बिल्ला गैंग के सदस्यों ने एक सर्राफा दुकान पर हमला कर दिया था। इस हमले में दुकान मालिक विकास अग्रवाल और उनके भाई मेघ अग्रवाल की हत्या कर दी गई थी और करीब 5 करोड़ रुपये के सोने-चांदी के आभूषण लूट लिए गए थे।
पुलिस ने इस मामले में 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनमें राकेश चतुर्वेदी उर्फ रंगा, कामेश उर्फ चीनी, नीरज, महेश यादव, सौरभ, विष्णु सोनी, हर्षवर्धन, लखन और आदित्य शामिल थे।
विशेष न्यायाधीश ईसी एक्ट ब्रह्मतेज चतुर्वेदी ने 90 पेज के आदेश में सभी आरोपियों को दोषी करार दिया था। गुरुवार को अदालत ने सजा का ऐलान करते हुए रंगा, बिल्ला और चीनी समेत 7 आरोपियों को आजीवन कारावास और 20-20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। बाकी दो आरोपियों लखन और आदित्य को 10-10 साल की सजा और 20-20 हजार रुपये का जुर्माना दिया गया।
इस मामले में 18 गवाहों ने अदालत में गवाही दी थी। करीब 7 साल चले मुकदमे में अदालत ने आरोपियों को दोषी करार देते हुए पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया है।