भरतपुर: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत अपात्र परिवारों के खिलाफ खाद्य विभाग ने कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। 5 दिसम्बर 2024 से शुरू किए गए गिवअप अभियान के तहत अब तक 1620 परिवारों के नाम खाद्य सुरक्षा सूची से हटा दिए गए हैं। इस अभियान का उद्देश्य अपात्र परिवारों को स्वेच्छा से योजना से बाहर करने के लिए प्रेरित करना है, ताकि उन परिवारों को कोई असुविधा न हो।
स्वेच्छा से नाम हटाने के लिए गिवअप अभियान
जिला रसद अधिकारी पवन अग्रवाल ने बताया कि खाद्य सुरक्षा योजना के तहत ऐसे परिवारों को शामिल किया गया था जो इसके पात्र नहीं थे। इन परिवारों से स्वेच्छा से योजना से अपना नाम हटाने का आग्रह किया गया। उन्होंने बताया कि यदि कोई अपात्र परिवार 28 फरवरी 2025 तक खाद्य सुरक्षा योजना से अपना नाम स्वेच्छा से नहीं हटाता है, तो उसके बाद 27 रुपये प्रति किलो के हिसाब से खाद्यान्न की वसूली की जाएगी।
अपात्रता के मापदंड
अधिकारिक जानकारी के अनुसार, जो परिवार निम्नलिखित मापदंडों में आते हैं, उन्हें खाद्य सुरक्षा योजना से बाहर किया गया है:
- जिन परिवारों में कोई सदस्य आयकरदाता हो।
- जिन परिवारों में कोई सदस्य सरकारी, अर्धसरकारी या स्वायत्तशासी संस्थाओं में कर्मचारी या अधिकारी हो।
- जिन परिवारों की वार्षिक आय एक लाख रुपये से अधिक हो।
- जिन परिवारों में किसी सदस्य के पास चार पहिया वाहन हो (सिर्फ़ जीविकोपार्जन में प्रयुक्त वाहन को छोड़कर)।
नोटिस जारी होने की प्रक्रिया
पवन अग्रवाल ने बताया कि अब तक 61 अपात्र परिवारों को नोटिस जारी किया गया है, जिसमें उनसे 7 दिनों के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है। इन परिवारों को खाद्य सुरक्षा योजना से बाहर जाने के लिए स्पष्ट कारण देने को कहा गया है। इसके अलावा, अन्य अपात्र परिवारों को भी चिन्हित किया जा रहा है और उन्हें नोटिस जारी किए जाएंगे।
गिवअप अभियान के तहत अब तक की प्रगति
अब तक इस गिवअप अभियान के तहत 1620 परिवारों के 6220 व्यक्तियों के नाम खाद्य सुरक्षा सूची से हटा दिए गए हैं। अधिकारी ने बताया कि खाद्य सुरक्षा योजना से अपना नाम हटवाने के लिए आवेदन पत्र उचित मूल्य की दुकानों पर उपलब्ध हैं, जहां से परिवार इसे प्राप्त कर सकते हैं और अपना नाम हटवाने का आवेदन कर सकते हैं।
आने वाली कार्रवाई
अधिकारी ने स्पष्ट किया कि योजना से बाहर होने के बाद भी कई अपात्र परिवार इस योजना का लाभ लेने से नहीं चूक रहे हैं, ऐसे में विभाग ने इन परिवारों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की योजना बनाई है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि केवल योग्य परिवारों को ही खाद्य सुरक्षा का लाभ मिले, और जो अपात्र हैं, वे इसका गलत लाभ न उठाएं।