आगरा: बलवंत विद्यापीठ रूरल इंस्टिट्यूट में राष्ट्रीय मतदाता दिवस बड़े धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर सीमा भदौरिया द्वारा छात्र-छात्राओं को शपथ दिलाई गई, जिसमें उन्हें लोकतंत्र की मजबूती में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आह्वान किया गया। इस अवसर पर सभी छात्र-छात्राओं को मतदान के अधिकार और कर्तव्यों के बारे में जागरूक किया गया।
वोट के महत्व पर चर्चा
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में असिस्टेंट प्रोफेसर भूपेंद्र सिंह शाक्य ने वोट के महत्व पर विशेष रूप से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि एक वोट से न केवल किसी व्यक्ति का भविष्य तय होता है, बल्कि पूरे देश का भविष्य भी प्रभावित होता है। उन्होंने विद्यार्थियों को यह समझाया कि लोकतंत्र में मतदान का अधिकार न केवल एक कर्तव्य है, बल्कि यह हमारे संविधान से प्राप्त एक महत्वपूर्ण अधिकार भी है।
राजनीतिक चेतना और नागरिक जिम्मेदारी
प्रोफेसर भूपेंद्र सिंह शाक्य ने विद्यार्थियों से अपील की कि वे अपने अधिकारों का सही उपयोग करें और राजनीतिक चेतना को विकसित करें। उन्होंने विद्यार्थियों को संविधान की महत्वपूर्ण बातों के बारे में भी बताया, जिससे वे एक सफल नागरिक जीवन जी सकें। इस दौरान महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने विभिन्न मतदाता जागरूकता के नारे लगाए जैसे “वोट से अच्छा कुछ भी नहीं”, “हम वोट जरूर करते हैं” और अन्य जागरूकता नारे।
महत्वपूर्ण शिक्षकों की उपस्थिति
राष्ट्रीय मतदाता दिवस के इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के कई महत्वपूर्ण शिक्षक और कर्मचारी उपस्थित थे। एनसीसी प्रभारी प्रोफेसर सुनील बाबू चौधरी, एनएसएस प्रभारी प्रोफेसर सूरजमुखी, मिस्टर संजय कुमार, प्रोफेसर पीके सिंह, प्रोफेसर एनके सिंह, डॉ. आशुतोष भंडारी, डॉ. सुभाष चंद्र, शिखा गर्ग, डॉ. तेजराज सिंह हाड़ा, मिस्टर नितेश कुमार, मिस्टर निलेश कुमार और डॉ. भूपेंद्र सिंह शाक्य सहित अन्य शिक्षकगण ने इस आयोजन को सफल बनाने में अपनी भूमिका निभाई।
नारे और शपथ
कार्यक्रम के अंत में सभी छात्र-छात्राओं को मतदान के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से शपथ दिलाई गई। सभी ने यह संकल्प लिया कि वे आगामी चुनावों में वोट डालेंगे और समाज में लोकतंत्र के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस का यह आयोजन केवल वोट देने के अधिकार की जानकारी देने तक सीमित नहीं था, बल्कि इसने सभी को यह समझाया कि मतदान लोकतंत्र के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। इस दिन का आयोजन विद्यार्थियों को राजनीतिक प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित करता है और उन्हें अपने मताधिकार का सही उपयोग करने के लिए तैयार करता है।