आगरा: दहेज हत्या के एक गंभीर मामले में सीजेएम अचल प्रताप सिंह ने आरोपित ससुरालीजनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। अदालत ने यह आदेश वादी सुनील कुमार की प्रार्थना पत्र पर दिया, जिसमें उसने अपनी बहन रेखा की मौत के मामले में ससुरालीजनों पर गंभीर आरोप लगाए थे। इस मामले में थाना चित्रा हाट के अंतर्गत जांच की जा रही है और पुलिस को विवेचना के निर्देश दिए गए हैं।
क्या है पूरा मामला?
वादी मुकदमा सुनील कुमार ने अपनी बहन रेखा की संदिग्ध मौत के बाद सीजेएम की अदालत में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। सुनील कुमार ने बताया कि रेखा की शादी 29 जून 2020 को अमित कुमार नामक व्यक्ति से हुई थी, जो थाना चित्रा हाट के कचोरा घाट का निवासी है। वादी के अनुसार शादी के बाद से ही रेखा के ससुराल पक्ष द्वारा दहेज की मांग की जा रही थी।
सुनील कुमार ने आरोप लगाया कि रेखा के पति अमित कुमार, ससुर सोबरन सिंह, सास मुन्नी, देवर भोला, देवरानी सावित्री, जेठ राहुल, जेठानी विनीता और ननद रागनी ने उसे नगदी और कार की मांग को लेकर उत्पीड़ित किया था। इन सभी आरोपियों ने रेखा को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया, जिसके चलते रेखा के परिवार वालों को उसकी स्थिति को लेकर चिंता हो रही थी।
7 अक्टूबर 2024 को वादी को सूचना मिली कि उसके ससुरालीजनों ने उसकी बहन रेखा की हत्या कर दी और उसकी लाश को गायब कर दिया। सुनील कुमार ने अपनी बहन की ससुराल का दौरा किया, जहां उसने देखा कि वहां चूल्हा टूटा हुआ था और पास में टूटी हुई चूड़ियां पड़ी थीं, लेकिन उसकी बहन का कोई पता नहीं था। इस घटना ने वादी को मानसिक रूप से झकझोर दिया और उसने इसके खिलाफ कानूनी कदम उठाने का निर्णय लिया।
अदालत का आदेश और जांच प्रक्रिया
सीजेएम अचल प्रताप सिंह ने वादी की प्रार्थना पत्र पर गंभीरता से विचार करते हुए ससुरालीजनों के खिलाफ अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। हालांकि, अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि बिना ठोस साक्ष्य के अभियुक्तों को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। पुलिस को विवेचना के आदेश दिए गए हैं ताकि मामले की जांच सही तरीके से हो सके और मामले में किसी प्रकार की अन्याय की स्थिति न बने।
पुलिस की कार्यवाही
अब थाना चित्रा हाट पुलिस को जांच की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस इस मामले में गहराई से जांच करेगी और सभी साक्ष्यों का परीक्षण करेगी। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि आरोपियों के खिलाफ ठोस सबूत जुटाए जाएं ताकि दोषियों को कानून के दायरे में लाया जा सके।