जलेसर, एटा: एटा जिले के सरायनी गांव में स्थित एक सरकारी स्कूल में शिक्षिका द्वारा शिक्षामित्र के साथ की गई मारपीट के विरोध में अभिभावकों ने अपने बच्चों को स्कूल भेजना बंद कर दिया है। इस घटना का एक वीडियो वायरल होने के बाद पूरे जिले में सनसनी फैल गई है।
आठ दिन पहले हुई इस घटना के बाद भी दोषी शिक्षिका संगीता रानी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने से अभिभावक बेहद आक्रोशित हैं। सोमवार को स्कूल पूरी तरह खाली रहा और एक भी छात्र उपस्थित नहीं हुआ।
स्कूल की कार्यवाहक प्रधानाध्यापिका विनीता ने बताया कि अभिभावकों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक संगीता रानी स्कूल में रहेंगी, वे अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे।
बहिष्कार के कारण
अभिभावकों ने इस कदम के पीछे कई कारण बताए हैं। सबसे पहले, वे शिक्षिका के हिंसक व्यवहार से बेहद आहत हैं। दूसरा, वे अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और तीसरा, प्रशासन की उदासीनता से नाराज हैं।
छात्रों पर प्रभाव
स्कूल का बहिष्कार छात्रों की शिक्षा पर बुरा असर डाल रहा है। छात्रों को पढ़ाई से वंचित होना पड़ रहा है और स्कूल के माहौल में डर और असुरक्षा का माहौल पैदा हो गया है।
कार्रवाई की मांग
अभिभावक और स्थानीय निवासी अब जिला प्रशासन से दोषी शिक्षिका के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं।
सरायनी की यह घटना भारत की शिक्षा प्रणाली में मौजूद गंभीर समस्याओं को उजागर करती है। शिक्षकों की अनुपस्थिति, जवाबदेही का अभाव और शिक्षकों और छात्रों के साथ हिंसा जैसी समस्याएं कई स्कूलों में आम हैं। सभी बच्चों को सुरक्षित और सहायक वातावरण में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने के लिए सुधारों की तत्काल आवश्यकता है।
लिफ्ट के बहाने बिठाया, बंधक बनाकर तीन दिन तक दुष्कर्म, पूर्व प्रधान पर गंभीर आरोप