कार्रवाई और जांच के नाम पर कन्नी काट रहे विभागीय अधिकारी
आगरा। बेसिक शिक्षा विभाग में लगातार प्रकाश में आ रहे भ्रष्टाचार के मामलों पर विभाग के उच्चाधिकारियों का अंकुश नहीं है। ब्लॉक क्षेत्र की बीआरसी पर तैनात बिल बाबुओं की मदद से शिक्षक मजे काट रहे हैं। जिस शिक्षण कार्य के मद में विभाग उनको मोटी पगार देता है, इसके बावजूद शिक्षकों को विद्यालय जाना मंजूर नहीं है।
आपको बता दें कि अग्र भारत समाचार पत्र द्वारा बीते दिनों ब्लॉक जगनेर अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय कासिमपुर में तैनात सहायक अध्यापक शैलेंद्र कुमार सिंह के फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ किया था। शैलेंद्र कुमार सिंह अपने विद्यालय में 31 मार्च 2017 तक नियमित विद्यालय आया था। इसके बाद उसने विद्यालय जाना कभी जरूरी नहीं समझा। विद्यालय नहीं आने के बावजूद शैलेंद्र कुमार सिंह की दबंगई का आलम यह था कि उपस्थिति पंजिका में जबरन उपस्थिति दर्ज की जाती थी। शैलेंद्र कुमार सिंह के खिलाफ प्रधानाध्यापिका निदा खान द्वारा अपनी आख्या बीईओ को प्रेषित की गई थी। शैलेंद्र कुमार को निलंबित कर अपने मूल विद्यालय में ही अटैच भी कर दिया गया। निलंबित होने के बावजूद शैलेंद्र कुमार सिंह का वही पुराना ढर्रा कायम रहा।
विद्यालय में अनुपस्थित रहकर भी जारी होता रहा वेतन
शैलेंद्र कुमार सिंह के प्रकरण में सबसे गंभीर बात यह है कि प्रधानाध्यापिका द्वारा, उसके अनुपस्थित काल की आख्या बीआरसी पर प्रस्तुत की गई थी। अधिकांश बीआरसी पर बिल बाबुओं का वर्चस्व रहता है। उस समय जगनेर बीआरसी पर योगेंद्र कुमार, बिल बाबू के पद पर तैनात था। सूत्रों के अनुसार योगेंद्र कुमार के साथ जुगलबंदी से शैलेंद्र कुमार का वेतन लगातार जारी होता रहा। ऐसा कुछ समय के लिए नहीं सालों तक चलता रहा। शैलेंद्र कुमार सिंह ने वेतन मद में अवैध रूप से विभाग को लाखों रूपए की चपत लगा दी। घोटालेबाज बिल बाबू ने प्रधानाध्यापिका की आख्या को पूरी तरह नजरंदाज कर दिया।
निलंबन की मांग पर नहीं हुई कार्रवाई
बताया जा रहा है कि वर्तमान में बाह बीआरसी पर तैनात बिल बाबू का विवादित इतिहास रहा है। खेरागढ़ बीआरसी पर तैनाती के दौरान योगेंद्र कुमार द्वारा एक शिक्षिका का नियम विरूद्ध तरीके से चयन वेतनमान लगाया गया था। जिसकी शिकायत विभाग में हुई। शिकायत में योगेंद्र कुमार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई थी। योगेंद्र कुमार का विभाग में इतना प्रभाव रहा कि नगर क्षेत्र में तैनाती होने के बावजूद ग्रामीण क्षेत्र में तैनात होकर भ्रष्टाचार का खेल जारी रहा और कार्रवाई को कभी आगे नहीं बढ़ने दिया। कथित रूप से आईजीआरएस पर दर्ज हुई शिकायत का उसके द्वारा शिकायतकर्ता को डरा धमकाकर खुद ही निस्तारण कर दिया गया।
इन्होंने कहा
कार्यालय दिवस में मौजूद रहकर प्रकरण का संज्ञान लिया जाएगा। इसके उपरांत आवश्यक कदम उठाया जाएगा।
डॉ आईपी सिंह सोलंकी-एड बेसिक आगरा