महाकुम्भ 2025 में दिखेगी ‘स्वच्छ सुजल गांव’ की तस्वीर, जल जीवन मिशन के तहत बुंदेलखंड में आए बदलाव की कहानी

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महाकुम्भ 2025 में दिखेगी 'स्वच्छ सुजल गांव' की तस्वीर, जल जीवन मिशन के तहत बुंदेलखंड में आए बदलाव की कहानी

लखनऊ: महाकुम्भ-2025 में उत्तर प्रदेश का एक अद्वितीय और प्रेरणादायक पहल ‘स्वच्छ सुजल गांव’ श्रद्धालुओं के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। इस गांव में दिखेगा जल जीवन मिशन के तहत बुंदेलखंड के गांवों में हुए अभूतपूर्व बदलाव की तस्वीर। जहां पहले पानी की गंभीर कमी थी, वहीं अब पीएम मोदी के मार्गदर्शन और सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जलापूर्ति की सुविधाओं के साथ यहां हर घर में जल पहुंच चुका है। इस गाँव की प्रदर्शनी महाकुम्भ में 10 जनवरी से लेकर 26 फरवरी तक देखने को मिलेगी।

स्वच्छ सुजल गांव: जल जीवन मिशन की सफलता की कहानी

महाकुम्भ के इस आयोजन में ‘स्वच्छ सुजल गांव’ के रूप में बुंदेलखंड के जल जीवन मिशन की नई तस्वीर को प्रदर्शित किया जाएगा। 40 हजार स्क्वायर फिट क्षेत्र में बसा यह गांव न केवल जल जीवन मिशन के तहत हुए बदलावों को दिखाएगा, बल्कि यह उत्तर प्रदेश में जलापूर्ति के लिए किए गए प्रयासों का जीवंत उदाहरण बनेगा। इस गांव में पीएम आवास, सीएम आवास, ग्राम पंचायत, और सोलर एनर्जी से जुड़ी नई योजनाओं के माध्यम से समृद्ध उत्तर प्रदेश की कहानी दिखाई जाएगी।

महाकुम्भ में इस गांव के माध्यम से 2017 से पहले और बाद के बुंदेलखंड में पानी की स्थिति में आए बदलावों की गाथा भी प्रदर्शित की जाएगी। यहां बुंदेलखंड के ग्रामीण महिलाएं अपनी कहानियों को साझा करेंगी, जिनका जीवन शुद्ध जल मिलने के बाद पूरी तरह बदल गया है।

‘जल मंदिर’ के माध्यम से जल संरक्षण का संदेश

महाकुम्भ में जल जीवन मिशन के इस संदेश को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए एक ‘जल मंदिर’ भी स्थापित किया जाएगा। इस मंदिर में भगवान शिव की जटा से गंगा का प्रवाह दिखाया जाएगा, जो जल के जीवनदायित्व और इसके संरक्षण की आवश्यकता को दर्शाएगा। ‘जल मंदिर’ में सुबह और शाम जल आरती का आयोजन भी होगा, जो जल जीवन मिशन और जल संरक्षण के संदेश को फैलाएगा।

अतिथि देवो भवः की परंपरा का निर्वहन

महाकुम्भ में आने वाले सभी श्रद्धालुओं और अतिथियों का सम्मान किया जाएगा। नमामि गंगे व ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की ओर से आगंतुकों को ‘जल प्रसाद’ प्रदान किया जाएगा। इस जल प्रसाद में संगम का जल, जल जीवन मिशन की डायरी और सफलता से जुड़ी अध्ययन सामग्री दी जाएगी। यह कदम ‘अतिथि देवो भवः’ की भारतीय परंपरा का पालन करते हुए किया जाएगा, जो अतिथियों को सम्मानित करने का अद्भुत तरीका है।

डिजिटल गेमिंग जोन के माध्यम से स्वच्छ जल के फायदे और दूषित जल के नुकसान को समझना

स्वच्छ जल के महत्व को और अधिक प्रभावी तरीके से समझाने के लिए गांव में एक डिजिटल गेमिंग जोन भी स्थापित किया जाएगा। इस जोन में खेल-खेल में लोग स्वच्छ जल के फायदे और दूषित जल के नुकसान को समझ सकेंगे। यहां डिजिटल स्क्रीन पर जल संरक्षण के महत्व को दिखाने के साथ-साथ, लोग अपने गांव में जलापूर्ति और जल स्थिति के बारे में एक क्लिक में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।

महाकुम्भ 2025 में ‘स्वच्छ सुजल गांव’ का महत्व

महाकुम्भ-2025 में ‘स्वच्छ सुजल गांव’ की प्रदर्शनी न केवल जल जीवन मिशन की सफलता को दिखाएगी, बल्कि यह बुंदेलखंड में हुए जल सुधारों और समृद्धि के रास्ते की कहानी भी सुनाएगी। इसके जरिए उत्तर प्रदेश के ग्रामीणों को जल संरक्षण और जल जीवन मिशन की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी मिलेगी। साथ ही, यह कदम प्रदेश के जल जीवन मिशन के प्रति जागरूकता बढ़ाने और जल संरक्षण की आवश्यकता को महसूस कराने में अहम भूमिका निभाएगा।

महाकुम्भ-2025 में ‘स्वच्छ सुजल गांव’ का आयोजन उत्तर प्रदेश के जल जीवन मिशन के तहत किए गए बदलावों का एक अहम उदाहरण पेश करेगा। यह पहल न केवल जल आपूर्ति से जुड़ी समस्याओं का समाधान दिखाएगी, बल्कि जल संरक्षण के प्रति लोगों में जागरूकता भी पैदा करेगी। महाकुम्भ में इस गांव का दर्शन करने के बाद श्रद्धालु और आम नागरिक जल जीवन मिशन की सफलता और जल संरक्षण के महत्व को समझेंगे, जो उन्हें अपने जीवन में बदलाव लाने के लिए प्रेरित करेगा।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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